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एटीओ बोले, कैसे करूं उच्चाधिकारी के खिलाफ जांच

एटीओ ने पड़ताल करने से इनकार करते कहा मैं कैसे उच्चअधिकारी की पड़ताल कर सकता हूंएटीओ ने पड़ताल करने से इनकार करते कहा मैं कैसे उच्चअधिकारी की पड़ताल कर सकता हूंएटीओ ने पड़ताल करने से इनकार करते कहा मैं कैसे उच्चअधिकारी की पड़ताल कर सकता हूंएटीओ ने पड़ताल करने से इनकार करते कहा मैं कैसे उच्चअधिकारी की पड़ताल कर सकता हूंएटीओ ने पड़ताल करने से इनकार करते कहा मैं कैसे उच्चअधिकारी की पड़ताल कर सकता हूं

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 06:46 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 06:46 PM (IST)
एटीओ बोले, कैसे करूं उच्चाधिकारी के खिलाफ जांच
एटीओ बोले, कैसे करूं उच्चाधिकारी के खिलाफ जांच

जागरण संवाददाता, पटियाला

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मिनी सचिवालय में स्थित आरटीए दफ्तर की ओर से बिना फीस के दो अलग-अलग सीरिज के 0001 फैंसी नंबर जारी करने के मामले की पड़ताल का जिम्मा एटीओ केसरपाल ¨सह को दिया गया था। मगर, एटीओ केसरपाल ने इस मामले की पड़ताल करने से इन्कार कर दिया है। हालांकि एटीओ का ईशारा आरटीए की ओर है। मगर, बात घुमाते हुए एटीओ ने कहा है कि वह अपने उच्चाधिकारी की पड़ताल कैसे कर सकता है? हालांकि इस मामले में एक एजेंट (तेजी) का नाम भी सामने आ रहा है। उधर, अब इस मामले की पड़ताल आरटीए गुरप्रीत ¨सह ¨थद की ओर से की जाएगी। हालांकि स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने इस मामले से संबंधित मुलाजिम पर कानूनी कार्रवाई कर हफ्ते में रिपोर्ट कमिश्नर दफ्तर को भेजने के निर्देश भी जारी किए हैं।

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अप्रूवल तो सीनियर अधिकारी की आइडी में होती है : एटीओ

एटीओ केसरपाल ¨सह ने कहा कि दो फैंसी नंबर बिना फीस के जारी करने के मामले की पड़ताल का जिम्मा उन्हें दिया गया था। मगर मैं कैसे अपने सीनियर अधिकारी की पड़ताल कर सकता हूं। क्योंकि इन दोनों नंबरों की अप्रूवल तो सीनियर अधिकारी की आइडी में होती है। केसरपाल ने कहा कि उन्होंने नो¨टग कर पड़ताल वाला पत्र वापस आरटीए गुरप्रीत ¨सह ¨थद को दे दिया है। किसी दूसरे अधिकारी से इस मामले की पड़ताल करवाई जा सकती है। अब देखना यह है कि आरटीए गुरप्रीत ¨सह या फिर स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर इस मामले की पड़ताल का जिम्मा किस अधिकारी का लगाते हैं।

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फैंसी नंबर लेने का यह है नियम

अगर आपने किसी भी सीरिज का 0001 फैंसी नंबर लेना है, तो सबसे पहले आपको ऑनलाइन बोली देनी पड़ेगी। नंबर सिलेक्ट करने के बाद स्मार्टचिप कंपनी के कर्मचारी की ओर से कंप्यूटर में फाइल फीड की जाएगी। इसके बाद नंबर लेने की ऑनलाइन फीस भरनी पड़ती है। फीस व फाइल की क्लियरंस होने के बाद फाइल पर संबंधित क्लर्क के हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद फाइल पर आरटीए के हस्ताक्षर होते हैं, जहां फैंसी नंबर की अप्रूवल होती है। इस मामले में सबसे बड़ा हाथ स्मार्टचिप कंपनी के कर्मचारी का है। इसके बाद संबंधित क्लर्क की शमूलियत होती है। अब देखना यह है कि इन दोनों कर्मचारियों में से किसने बिना फीस के यह फैंसी नंबर जारी कर दिए। आरटीए दफ्तर की ओर से पिछले समय में दो अलग-अलग सीरिज के फैंसी नंबर जारी किए गए। ये नंबर पीबी11बीबी-0001 ओर पीबी11बीजे-0001 सीरिज के हैं।


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