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तबादला प्रक्रिया में 8886 अध्यापकों से पक्षपात का विरोध

तबादला नीति संबंधी जारी निर्देश पत्र के कारण तबादला करवाने के इछुक 8886 अध्यापकों में सरकार प्रति रोष है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 10:54 PM (IST)
तबादला प्रक्रिया में 8886 अध्यापकों से पक्षपात का विरोध
तबादला प्रक्रिया में 8886 अध्यापकों से पक्षपात का विरोध

जागरण संवाददाता, पटियाला : राज्य में पंजाब के अध्यापकों की ऑनलाइन तबादला नीति दौरान डायरेक्टर शिक्षा विभाग (सेकेंडरी) द्वारा तबादला नीति संबंधी जारी निर्देश पत्र के कारण तबादला करवाने के इच्छुक 8886 अध्यापकों में सरकार प्रति रोष है। बदली के लिए मेरिट बनाने में सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से रेगुलर 8886 अध्यापकों की अप्रैल 2018 से पहले ठेका आधारित नौकरी का कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है।

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डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) पंजाब के सूबा प्रधान दविदर पूनिया, जनरल सचिव जसविदर झबेलवाली और वरिष्ठ उपप्रधान विक्रम देव सिंह और एसएसए/रमसा अध्यापक यूनियन के सूबा प्रधान हरदीप टोडरपुर और जनरल सचिव गुरप्रीत अम्मीवाल ने शिक्षा विभाग के इस फैसले की निदा की। उन्होंने कहा कि अगर एसएसए, रमसा और आदर्श और मॉडल स्कूलों अधीन ठेका आधारित नौकरी के आधार पर हमारी सेवाओं रेगुलर की जा सकतीं हैं। ठेका आधारित नौकरी के तजुर्बो के आधार पर हुई सीधी भर्ती में एचटी, सीएचटी, बीपीईओ, हेड मास्टर और प्रिसिपल बनाए जा सकते हैं तो बदली दौरान पिछली सर्विस का लाभ क्यों नहीं दिया जा सकता।

अध्यापक जत्थेबंदियों ने शिक्षा मंत्री से मांग की कि विभाग द्वारा अपनाए जा रहे ऐसे दोहरे मापदंडों पर तुरंत रोक लगाई जाए। जिससे पहले ही वेतन कटौती का शिकार बनाए जा चुके इन अध्यापकों को बाकी अध्यापकों की तरह बदली करवाने के लिए बराबर के मौके मिल सकें।


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