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फीस वृद्धि के विरोध पर बोले मंत्री -डॉक्टर बनाने में खर्च 30 लाख, आठ लाख देने में क्या दिक्कत

पंजाब में मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि विरोध पर मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि एक डॉक्‍टर तैयार करने में 30 लाख खर्च होते हैं फिर आठ लाख देने में क्‍या दिक्‍कत है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 08:56 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 08:56 AM (IST)
फीस वृद्धि के विरोध पर बोले मंत्री -डॉक्टर बनाने में खर्च 30 लाख, आठ लाख देने में क्या दिक्कत
फीस वृद्धि के विरोध पर बोले मंत्री -डॉक्टर बनाने में खर्च 30 लाख, आठ लाख देने में क्या दिक्कत

पटियाला, जेएनएन। पंजाब सरकार की ओर से एमबीबीएस कोर्स की फीस में बढ़ोतरी का विरोध शुरू हो गया है। मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। वहीं मेडिकल शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि एक डॉक्टर तैयार करने यानी एमबीबीएस कोर्स करवाने में 30 लाख रुपये खर्च होते हैं। अगर एक छात्र से कॉलेज आठ लाख रुपये फीस लेता है तो दिक्कत क्या है। यह कोई ज्यादा फीस नहीं है।

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फीस वृद्धि के खिलाफ मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस विद्यार्थियों ने बाजुओं पर काली पïिट्टयां बांधकर मंत्री सोनी के सामने विरोध जताया। वीआरडीएल लैब का उद्घाटन करने के बाद सोनी ने कहा कि विपक्षी दल फीस बढ़ोतरी के लिए हल्ला कर रहा है, लेकिन पंजाब सरकार ने कुछ निजी कॉलेजों में फीस कम भी करवाई है। सरकार एक डॉक्टर के कोर्स पर करीब 30 लाख रुपये खर्च करती है। एमबीबीएस छात्रों को आठ लाख देने में कोई दिक्कत नहीं है। इस दौरान मंत्री को फीस बढ़ोतरी कम करने के लिए मांगपत्र भी सौंपा गया।

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. अनिल ने कहा कि सरकार ने एमबीबीएस कोर्स (साढ़े पांच साल) की फीस 80 फीसद बढ़ाई है। पहले फीस साढ़े चार लाख रुपये और हॉस्टल फीस 1.85 लाख रुपये है। अब फीस बढ़कर आठ लाख रुपये हो गई है। रेजिडेंट डॉक्टर्स को स्टाइपेंड 49 हजार रुपये मासिक मिलता है, जबकि दूसरे राज्यों में 70 हजार रुपये है। उनका स्टाइपेंड बढ़ाया जाए। इस पर सोनी ने आश्वासन दिया कि वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह से बात करेंगे। वहीं लैब के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा कि राज्य में अब प्रतिदिन नौ हजार कोरोना टेस्ट हो सकेंगे।

फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन, कहा-गरीब का बच्चा कैसे डॉक्टर बनेगा

फीस में वृद्धि के खिलाफ अमृतसर, बठिंडा और जालंधर में भी प्रदर्शन हुए। अमृतसर में सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेजिडेंट्स व एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और फीस बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की। मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वैभव चावला ने कहा कि गरीब का बच्चा तो डॉक्टर बन नहीं सकता। कोरोना महामारी को देखते हुए हम काले बिल्ले लगाकर ही ड्यूटी करेंगे।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) पंजाब ने भी फीस बढ़ाने का विरोध किया। आइएमए के प्रदेश प्रधान डॉ. नवजोत ङ्क्षसह दहिया ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण गरीब परिवारों के बच्चे डॉक्टर नहीं बन सकेंगे।

आप ने अमृतसर में सोनी के आवास के पास किया प्रदर्शन

फीस वृद्धि के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने मंत्री सोनी के अमृतसर के रानी का बाग स्थित आवास के समीप प्रदर्शन किया। आप का प्रदर्शन पुतलीघर स्थित डीटीओ दफ्तर के बाहर से शुरू हुआ। पुलिस ने उन्हें मंत्री आवास से कुछ पहले रोक लिया।

विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि कोरोना काल में सरकार 750 करोड़ रुपये शराब और 250 करोड़ रुपये रेत माफिया को छोड़ सकती है तो डॉक्टर बनने के इच्छुक युवाओं को रियायत क्यों नहीं दी जा सकती। प्रदेश कांग्र्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ अब चुप क्यों हैं। फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस न होने तक आप पंजाब में प्रदर्शन करेगी। वहीं विधायक गुरमीत ङ्क्षसह ने कहा कि कैप्टन सरकार ने होनहार गरीब बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना तोड़ा है।

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