13000 सरकारी व निजी Teachers की जा सकती है नौकरी,ये है कारण...
पंजाब के सरकारी एडिड और प्राइवेट स्कूलों के करीब 13000 अनट्रेंड अध्यापकों को अप्रैल की शुरुआत में ही अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।
पटियाला [गौरव सूद]। पंजाब के सरकारी, एडिड और प्राइवेट स्कूलों के करीब 13000 अनट्रेंड अध्यापकों को अप्रैल की शुरुआत में ही अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। केंद्र के एजुकेशन एंड लिटरेसी विभाग के बार-बार मौका देने के बावजूद इन अध्यापकों ने ट्रेनिंग लेने के लिए अावेदन नहीं किया।
ये वो अध्यापक हैं जो बिना ईटीटी किए या सिर्फ बीएड कोर्स कर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। इस कैटेगरी के तहत राज्य के स्कूलों में 16,000 से ज्यादा अध्यापकों के लिए स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी विभाग ने छह महीने का ब्रिज कोर्स अनिवार्य किया है। इनमें से करीब 3000 अध्यापकों ने कोर्स करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा ली है, जबकि 13000 अध्यापकों ने कोई कदम नहीं उठाया।
इनमें से ज्यादातर अध्यापक पिछले करीब 20 साल से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। विभाग का कहना है कि इन अध्यापकों को ट्रेनिंग पीरियड के दौरान भी तनख्वाह दी जानी थी। इसके बावजूद अध्यापकों ने सरकारी आदेश नहीं माने। इस कारण अब विभाग इन अध्यापकों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगा।
केंद्र के स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी विभाग की एडिशनल सचिव अनीता कारवल ने 3 अगस्त, 2017 को सभी राज्यों के अनट्रेंड अध्यापकों को नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन करने के निर्देश जारी किए थे। इस डिप्लोमा कोर्स के लिए अध्यापकों को एनआइओएस के पोर्टल पर 16 अगस्त से 15 सितंबर 2017 तक स्टेट कोआर्डिनेटर या स्कूल प्रिंसिपल की ओर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी था। 15 सितंबर 2017 तक अप्लाई न करने वाले सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त या गैर सरकारी स्कूलों के अनट्रेंड अध्यापकों को बर्खास्त करने संबंधी भी निर्देश जारी किए गए थे।
अमृतसर के सभी 1650 अध्यापक ही ट्रेनिंग से वंचित
राज्य के प्रमुख जिलों में से अमृतसर जिला सबसे आगे है, जिसमें 1650 में से एक भी अध्यापक ने ट्रेनिंग के लिए अावेदन नहीं किया। इस कैटेगरी के अधीन काम करने वाले 100 फीसद अध्यापक अनट्रेंड हैं। लुधियाना जिले के 1926 में से 1739, जालंधर के 1321 में से 1200, होशियारपुर के 1174 में से 749 और पटियाला के 1128 में से 832 अध्यापकों समेत अन्य जिलों के हजारों अध्यापक अनट्रेंड हैं। सबसे ज्यादा अनट्रेंड अध्यापक इन पांच जिलों के बताए जा रहे हैं।
अध्यापकों की नौकरी खतरे में : डीपीआइ
डीपीआइ एलीमेंट्री इंद्रजीत सिंह का कहना है कि विभाग की ओर से बार-बार कहने के बावजूद अध्यापक ट्रेनिंग लेने के लिए तैयार नहीं हुए। विभाग ने एजुकेशन एंड लिटरेसी विभाग को पत्र लिखकर इन अध्यापकों को ब्रिज कोर्स से राहत देने की अपील की थी, क्योंकि ये अध्यापक पिछले कई सालों से पढ़ा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार से कोई रिस्पांस नहीं मिला। मजबूरन विभाग को इन अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी।