मनुष्य की अज्ञानता ही दुख का कारण : स्वामी गुरदीप गिरि
स्वामी गुरदीप गिरि जी महाराज ने कहा कि आज मनुष्य बहुत ही तरक्की कर गया है।
जासं, पठानकोट : स्वामी गुरदीप गिरि जी महाराज ने कहा कि आज मनुष्य बहुत ही तरक्की कर गया है। मनुष्य के पास पहले से बढि़या घर है, पहनने के लिए अच्छे कपड़े है। खाने के लिए भी पहले से अच्छे पदार्थ हैं। लेकिन फिर भी मनुष्य दुखी क्यों? मनुष्य के दुख का कारण उसकी अज्ञानता है । अज्ञानता से मनुष्य की वह हालत बन चुकी है जैसे एक राजा अपने ¨सघासन पर बैठा हुआ होता है। अनेक नौकर राजा की सेवा में लगे होते है। राजा को बहुत ही सुख होता है तो अचानक ही राजा की ¨सगासन पर बैठे-बैठे नींद आ जाती है और राजा को सपना आता है कि राजा भिखारी बन जाता है और भीख के लिए वह दर से दर जाता है पर उसे कोई भी भिखिया नहीं देता। वह भूख से दुखी होता है। पर इसे यह दुख कितनी देरी तक रहेगा जब वह तक सोया हुआ है, जब जागेगा तो क्या देखेगा की वह भिखारी नहीं हैं, वह राजा ही है। ठीक यह हालत इस मनुष्य की बनी हुई है । यह मनुष्य प्रभु रूप या एक पवित्र आत्मा थी। परंतु दुनिया पर आ कर यह अज्ञानता में सो गया। यह मनुष्य विकारों में पड़ गया। नशे लगा लिए जिस कारण यह मनुष्य अज्ञानता से जाग जाए तो क्या देखेगा कि यह मनुष्य विकारी शराबी-कबाबी नहीं है । बल्कि यह प्रभु रूप है। एक पवित्र आत्मा है। जब यह अज्ञानता से ज्ञान की ओर जाएगा तो इस के सभी दुख खत्म हो जाएंगे और इस का जीवन आनंद मई हो जाएगा। सो अज्ञानता ही मनुष्य के दुख का कारण है।