मेयर साहब- 70 घंटे बाद भी भरोली कलां में नहीं आया पानी
भरोली कलां में वाटर सप्लाई की खराब हुई मोटर तीसरे दिन भी ठीक नहीं हो पाई।
जागरण संवाददाता, पठानकोट
भरोली कलां में वाटर सप्लाई की खराब हुई मोटर तीसरे दिन भी ठीक नहीं हो पाई। मोटर खराब होने के कारण लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस गए हैं। गांववासी पूरी तरह से रेलवे क्वाटरों पर निर्भर हैं। पानी की तलाश में लोग सुबह ही रेलवे कालोनियों में पहुंच जाते हैं ताकि समय पर पानी भरकर वह खुद तैयार हो जाएं और बच्चों को भी भेज सके। निगम की कार्यप्रणाली को लेकर गांववासियों ने रोष प्रदर्शन करते हुए समस्या का शीघ्र अतिशीघ्र समाधान करने की बात कही। उधर, निगम में अस्थायी तौर पर पंप आपरेटरों का काम कर रहे कर्मचारियों ने एक दम से हड़ताल पर जाने की बात कह कर परेशानियां पैदा कर दी हैं। कर्मचारियों का कहना है कि आज से वह हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण कम से कम बीस वाटर सप्लाई प्रभावित होगी।
सुबह जल्दी न उठें तो नहीं मिलेगा पानी
दैनिक जागरण की और से भरोली कलां का दौरा किया तो देखा कि लोग सुबह छह बजे ही उठ कर पानी भर रहे हैं। लोग रेलवे कालोनियों में जाकर लोगों के घरों अथवा पाइप बाहर लाकर पानी भर रहे थे। शुकंतला देवी, मीना, आशा रानी, मधु बाला, वीना देवी, सुलेखा रानी ने बताया कि सुबह सार उठना मजबूरी है। कारण, वाटर सप्लाई खराब पड़ी है और रात वाले ठंडे पानी से यदि बच्चों को नहलाकर भेजा तो सर्दी के मौसम में बीमार होने का खतरा होगा। सुबह छह से सात पानी भर कर ले जाएंगे और फिर खाना भी तैयार करना है। ऐसे में यदि वह सात बजे के बाद उठे तो आगे पानी के लिए लाइन लंबी हो जानी है।
खाली बाल्टी लेकर वार्ड 46 के लोगों ने जताया रोष
उधर, तीसरे दिन भी वार्ड 46 में वाटर सप्लाई की मोटर ठीक न होने के कारण लोगों ने दोबारा खाली बाल्टियां लेकर निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी जगदीश सलारिया, सचिन वालिया, रघु सलारिया, पप्पी ठाकुर, कुलदीप कुमार, जोध राज, पवन कमार, इंद्र देव शर्मा, भीम गुरारी, शालू आदि ने बताया कि वह पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। लेकिन, निगम की और से समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा। वीरवार को मोटर ठीक करने के लिए निगम कर्मी ले गए परंतु शुक्रवार की सायं तक न तो मोटर आई न ही दोबारा कोई कर्मचारी आया। उन्होंने कहा कि बेशक गर्मियों की उपेक्षा सर्दियों में पानी की उतनी जरुरत नहीं होती परंतु स्टाक किया गया पानी भी समाप्त हो गया है। लोग ठंड में ठंडे पानी से मूंह- हाथ धोकर काम चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर ठंडे पानी से नहलाकर बच्चों को स्कूल भेजा तो उनके बीमार होने का भी खतरा है। ऐसे में पानी न मिलने के कारण लोगों की दिनचर्या प्रभावित होकर रह गई है। लोग समय पर नहीं पहुंच जिस कारण उन्हें अपने अधिकारियों व मालिकों की बातें सुननी पड़ रही है।
पंप आपरेटर हड़ताल पर, आएगी दिक्कत
उधर, ठेकेदारी प्रथा के तहत काम कर रहे पंप आपरेटर ने भी शिमला पहाड़ी पर मी¨टग कर हड़ताल पर चले जाने का ऐलान कर दिया। इस मौके पर प्रधान धर्मेंद्र ठाकुर जगदीश पवन कुमार विकास कौशल जतिन अजय अभिमन्यु वासु विशाल संजीव राजेश कुमार आदि ने बताया कि वह पिछले दस महीनों से निगम के अधीन काम कर रहे हैं परंतु इसके बदले उन्हें वेतन नहीं मिल रहा। हर बार उनके साथ टाल-मटोल कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हमने कभी विधायक और मेयर साहब अन्य अधिकारियों से भी अपनी मांगों के बारे में बताया लेकिन, उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला जिस कारण वह ऐसा कदम उठाने को मजबूर हुए हैं।
ठीक करवाई जा रही मोटर : एक्सईन
नगर निगम के एक्सईन सतीश सैनी से बात की तो उनका कहना था कि मोटर ठीक करवाई जा रही है। अगर सायं तक मोटर ठीक हो जाती है तो उसे आज ही फिट करवाकर लोगों को पानी की सप्लाई करवा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पुरानी मोटर को ही ठीक करवाया जा रहा है, बजट के बाद निगम नई मोटरें खरीद सकेगा। नए जुड़े एरिया में पानी सप्लाई करने वाले अस्थायी कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सप्लाई प्रभावित होने की बात पर उनका कहना था कि वह अपने आप चले जाते हैं और फिर आ जाते हैं। उनके फिर से हड़ताल पर चले जाने की जानकारी मिल गई है जिसके बाद पक्के कर्मचारियों की लिस्ट तैयार करवाई जा रही है जो पानी की सप्लाई देंगे।