पठानकोट में पांच महीने बाद अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू, पहले ही दिन मरीजों बारी को लेकर उलझे
पहले दिखाने की बात को लेकर मरीजों में इस कदर रोष पैदा हो गया कि लोग आपस में उलझ पड़े। मरीजों की बढ़ती नोक-झोंकको शांत करवाने के लिए डाक्टर को आना पड़ा। डाक्टर ने मरीजों को शांत करवाकर काम शुरू करवाया।
संवाद सहयोगी, पठानकोट। सोमवार को गर्भवती महिलाओं के लिए सिविल में अस्पताल फिर से अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू हो गई है। हालांकि पहले दिन ही मरीज बारी को लेकर आपस में उलझ गए। मरीजों का आरोप था कि डाक्टर की ओर से सिफारिश वाले मरीजों को पहले देखा जा रहा है, जबकि आम मरीज चार घंटे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
पहले दिखाने की बात को लेकर मरीजों में इस कदर रोष पैदा हो गया कि लोग आपस में उलझ पड़े। मरीजों की बढ़ती नोक-झोंकको शांत करवाने के लिए डाक्टर को आना पड़ा। डाक्टर ने मरीजों को शांत करवाकर काम शुरू करवाया।
चहेतों का पहले अल्ट्रासाउंड किया जा रहा
सोमवार को अपनी बेटी की अल्ट्रासाउंड करवाने आए गांव भब्बर निवासी सुरेंद्र ने बताया कि बेटी की तबियत ठीक नहीं है। पेट में दर्द रहने से परेशान है। डाक्टर ने शनिवार को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए बोला गया था। उस समय अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद होने का कारण सुबह आठ बजे के लाइन में खड़े हैं। पर्ची पर नंबर डाल दिया गया है, लेकिन अल्ट्रासाउंड के लिए बारी नहीं आ रही। उसने आरोप लगाते कहा कि स्टाफ की ओर से अपने चहेतों के अल्ट्रासाउंड पहले किया जा रहा है।
इसी तरह कंडवाल निवासी आसनदीन ने बताया कि पत्नी की कुछ समय पहले डिलीवरी हुई है। टांकों में दर्द की शिकायत है। डाक्टर ने अल्ट्रासाउंड के लिए बोला है। सुबह साढ़े आठ से लाइन में खड़े है लेकिन बारी नहीं आ रही।
इमरजेंसी वाले मरीज पहले देखने होते हैं: डा. खेमराज
इस संबंध में जब डाक्टर खेम राज ने कहा कि वह सुबह आठ बजे से काम पर लगे हैं। बीच में आने वाले इमरजेंसी केस पहले देखने होते हैं, इसलिए अन्य मरीजों को बारी का इंतजार करना पड़ता है। उनकी ओर से सभी मरीजों की पर्ची पर नंबर डाल दिए गए हैं। सभी मरीजों के अल्ट्रासाउंड करने के बाद ही वह जाएंगे।