साहित्य पढ़कर बिता रहे समय
कर्फ्यू को सुरक्षा कवच मानते हुए ज्यादातर लोग घर में ही रह रहे हैं। यह एक अच्छी बात है। लेकिन घर में समय का सदुपयोग करना इससे भी बेहतर।
दीपक कुमार, बमियाल : कर्फ्यू को सुरक्षा कवच मानते हुए ज्यादातर लोग घर में ही रह रहे हैं। यह एक अच्छी बात है। लेकिन घर में समय का सदुपयोग करना इससे भी बेहतर। नरोट जैमल सिंह के उद्योगपति अमीर चंद महाजन ने अपने आप को इन हालातों में बदल लिया है। घर के काम के साथ-साथ वह अपने परिवार के साथ बैठकर धार्मिक साहित्य पढ़कर परिवार की नई पीढ़ी को मार्गदर्शन करवा रहे हैं। प्रतिदिन सुबह पांच बजे उठकर घर में बनाए गए गार्डन में व्यायाम करने के बाद करीब दो घंटे गार्डन में लगाए गए फूलों और अन्य पौधों को पानी देने के बाद उनके परिवार की दिनचर्या अखबार पढ़ने के साथ शुरू हो जाती है। पूरा परिवार व्यापारी वर्ग होने के कारण समाचार पत्र के माध्यम से देश के कारोबार पर चाय की टेबल पर चर्चा करते हैं। इसके बाद देश के हालात को देखते हुए परिवार के साथ विचार-विमर्श करते हैं। अमीर चंद महाजन ने बताया कि विदेश से आए इस खतरनाक वायरस के कारण यह समय आ जाएगा। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। घर के मंदिर में रखे धार्मिक साहित्य वैसे तो वह पहले से ही पढ़ते आ रहे हैं। लेकिन खासकर इस समय परिवार के साथ बैठकर धार्मिक साहित्य पढ़कर और परिवार को पूरा समय देकर उनको भारी प्रसन्नता प्राप्त हो रही है। परिवार के बच्चे भी इन धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से देश की संस्कृति को जान रहे हैं। देश इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है और हर नागरिक का फर्ज बनता है कि वह सरकार ने जनता की भलाई के लिए जनता की सेहत को ध्यान में रखते हुए जारी किए जा रहे हैं। निर्देशों का पालन करते हुए घर में रहकर वायरस के खतरे को कम कर सकते हैं।