डैम वर्कर्स यूनियन ने जीता मजदूरों का केस, बांध प्रशासन से जल्द ब्याज समेत हक देने की मांग
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ की ओर से एक सितंबर 2022 को रणजीत सागर बांध परियोजना पर डेली वेज पर कार्य करने वाले सभी मजदूरों को रेगुलर कर्मचारी के बराबर वेतन देने के भत्ते का फैसला दिया गया है।
संवाद सहयोगी, जुगियाल: थीन डैम वर्कर्स यूनियन चेयरमैन नत्था सिंह और अध्यक्ष जसवंत सिंह संधू की देखरेख में बैठक की गई। इस दौरान उन्होंने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ की ओर से एक सितंबर 2022 को रणजीत सागर बांध परियोजना पर डेली वेज पर कार्य करने वाले सभी मजदूरों को रेगुलर कर्मचारी के बराबर वेतन देने के भत्ते का फैसला दिया गया है। सिंगल बेंच ने मजदूरों के विरोध में दिए गए फैसले को दरकिनार किया है। इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल पंजाब चंडीगढ़ के 27 अप्रैल 1992 के फैसले को बरकरार रखा गया है।
यह केस सुप्रीम कोर्ट से रिमांड होकर दोबारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आया था। पहले इस केस को इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल में थीन डैम वर्कर्स यूनियन के चेयरमैन कामरेड नत्था ¨सह ने खुद लड़ा और जीता था। इसी के चलते फिर सुप्रीम कोर्ट में और अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में खुद लड़ा और जीता। उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 1984 से लेकर मार्च 1996 तक लगभग 1500 के करीब दिहाड़ीदार मजदूर वर्क चार्ज और रेगुलर कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाओं से दरकिनार किए जा रहे थे।
इससे अब इन 1500 मजदूरों को रेगुलर कर्मचारियों की तरह सभी भत्ते ब्याज सहित सरकार द्वारा दिए जाएंगे। उनके द्वारा इस केस को बड़ी ही गहनता के साथ लड़ा गया। इसमें उनके सहयोगी थीन डैम वर्कर्स यूनियन के सदस्य और सहयोगी वकीलों ने बहुत साथ दिया।
इस दौरान हरविंदर सिंह रंधावा, जसवंत सिंह संधू, नंदलाल मेहरा, जनक राज, रणजीत सिंह, तरसेम सिंह, रणजोध सिंह, गुरदर्शन सिंह, अवतार सिंह, विजय कुमार एवं अन्य कर्मचारी सदस्यों ने रणजीत सागर बांध प्रशासन से मांग की है कि इस फैसले को तुरंत लागू कर बनते ब्याज सहित कर्मचारियों को उनका हक अदा किया जाए।