सिविल अस्पताल में होने वाले सभी टेस्ट प्राइवेट लैब से करवा 22 सौ रुपये वसूले
सिविल अस्पताल पठानकोट में स्टाफ द्वारा पैसे लेकर अस्पताल के अंदर होने वाले टेस्ट प्राइवेट लैबोटरी से करवा गरीब लोगों की लूट की जा रही है।
संवाद सहयोगी, पठानकोट :
सिविल अस्पताल पठानकोट में स्टाफ द्वारा पैसे लेकर अस्पताल के अंदर होने वाले टेस्ट प्राइवेट लैबोटरी से करवा गरीब लोगों की लूट की जा रही है। इससे पहले भी कई बार यहां ऐसे मामले सामने आ चुके है लेकिन, अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। सिविल अस्पताल पठानकोट में हिमाचल के गांव परांगना से आई गर्भवती महिला से इसी प्रकार लूट का मामला सामने आया है। जिसके अंदर होने वाले टेस्ट सभी प्राइवेट लैब से करवा करीब 22 सौ रुपए उसके पति से वसूले जा चुके है।
गांव परांगना निवासी सन्नी कुमार ने कहा कि वह भेड़ बकरियों के पालन का कार्य करता है और उसकी पत्नी की डिलीवरी होने वाली थी। जिसे वह सिविल अस्पताल पठानकोट लेकर आया। स्टाफ नर्स ने उसे बोला कि उसकी पत्नी के कुछ टेस्ट बाहर से प्राइवेट लैब से होने हैं। सन्नी कुमार कुछ काम के लिए घर चला गया और जब अगली सुबह आया तो उसे स्टाफ नर्स ने प्राइवेट लैब की टेस्टिग रिपोर्ट दी और कहा कि आपके टेस्ट की फीस 22 सौ रुपए बनती है। जो सन्नी को मजबूरी में चुकाने पड़े। सन्नी को अस्पताल में मिलने वाली दवा भी बाहर की लिखकर दी गई। जिससे उसका कुल खर्च छह हजार रुपए के करीब आया था। अस्पताल में सभी प्रकार के टेस्ट मुफ्त : एसएमओ
एसएमओ डा. राकेश सरपाल ने कहा कि डिलीवरी दौरान गर्भवती महिलाओं के सीबीसी, एलएफटी व आरएफटी टेस्ट अस्पताल में मुफ्त होते हैं। किसी भी मरीज से अस्पताल में टेस्ट करवाने के पैसे नहीं लिए जाते। 22 सौ रुपए जो सन्नी नाम के युवक से पैसे लेने का मामला है वह उनके ध्यान में है। मामले की जांच करवा, बनती कार्रवाई की जाएगी। वह यह भी कोशिश करेंगे कि शाम के समय भी अस्पताल में सरकारी लैबोटरी को शुरू करवाया जाए। डाक्टर ने प्राइवेट लैब के टेस्ट लिखकर दिए : नर्स
सिविल अस्पताल की नर्स ने कहा कि जिस समय गर्भवती महिला को अस्पताल लाया गया, तब उसका एक भी टेस्ट नहीं हुआ था और मौके पर सभी टेस्ट करवाने की जरूरत थी। जिसके बाद उक्त महिला की टेस्टिग संबंधी डाक्टर से बात की तो डाक्टर ने कहा कि जो टेस्ट अंदर से होते हैं उन्हें अंदर से करवाए और जो टेस्ट अंदर नहीं हो पाते उन्हे बाहर से करवा कर लाएं। सीबीसी, एलएफटी व आरएफटी टेस्ट अस्पताल में दिन में तो होते है लेकिन रात को नहीं हो पाते। शाम को प्राइवेट लैबो के करिदों का समय होता है शुरू
अस्पताल में जैसे ही ड्यूटी का समय खत्म होता उसके बाद प्राइवेट लैब के करिदे अस्पताल के अलग-अलग वार्ड में जाकर मरीजों ,डाक्टरों व स्टाफ के साथ टाइअप करके टेस्ट करवाते हैं। यहां सेटिंग से चल रहे इस खेल में मरीजों से कमाई की जाती है।