कर्फ्यू तोड़ आशापूर्णी मंदिर के बाहर जुटी भीड़, कमेटी ने सील किए तीनों रास्ते
300 साल पुराने आशापूर्णी मंदिर में आने वाली संगत की भीड़ को देखते सुरक्षा कारणों से वीरवार शाम तक पूरी तरह से सील कर दिया गया।
संवाद सहयोगी, पठानकोट : 300 साल पुराने आशापूर्णी मंदिर में आने वाली संगत की भीड़ को देखते सुरक्षा कारणों से वीरवार शाम तक पूरी तरह से सील कर दिया गया। यह फैसला मंदिर कमेटी की ओर से मंगलवार शाम को लिया गया। नवरात्र को लेकर मंगलवार शाम अचानक ही कंजकों की संख्या मंदिर के बाहर बढ़ने लगी। ऐसे में स्थानीय लोगों ने भी मंदिर में आना-जाना शुरू कर दिया। इन कंजकों को प्रसाद वितरित करना शुरू कर दिया। बड़ी मात्रा में मंदिर के बाहर प्रसाद एकत्र होने के बाद मंदिर कमेटी ने मंदिर के रास्तों को तत्काल प्रभाव से सील करने का फैसला लिया। कमेटी के प्रधान विनोद कुमार मल्होत्रा ने बताया कि कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से मंदिर में श्रद्धालुओं के आवागमन पर रोक लगाई गई थी। मंगलवार शाम कंजकों तथा भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ही मंदिर को जाने वाले तीनों रास्तों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वीरवार को इन रास्तों को खोल दिया जाएगा, परंतु श्रद्धालुओं से आग्रह किया जाएगा कि फिलहाल वह मंदिर में प्रसाद इत्यादि चढ़ाने से गुरेज करें। उन्होंने कहा कि बीते कल भी जो प्रसाद एकत्र हुआ था, उन्हें जल प्रवाह कर दिया गया है। उनकी ओर से शहर वासियों से सहयोग की अपील की गई है।