नायक कमलजीत सिंह ने अंतिम सांस तक लड़ पाक को चटाई थी धूल
शहीद नायक कमलजीत सिंह का 48वां श्रद्धांजलि समारोह बीएसएफ सिबल पोस्ट पर आयोजित किया गया।
संवाद सहयोगी, बमियाल : शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की की अगुआई में शहीद नायक कमलजीत सिंह का 48वां श्रद्धांजलि समारोह बीएसएफ सिबल पोस्ट पर आयोजित किया गया। इसमें बीएसएफ की पीबी छह बटालियन के कमांडेंट हिमांशु उंडेरिया बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि शहीद नायक कमलजीत सिंह की शहादत बीएसएफ के जवानों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने बताया कि कमलजीत सिंह ने मात्र तीन वर्ष की नौकरी में ही 26 वर्ष की अल्पायु में पाक सेना से लड़ते हुए अपना बलिदान देकर बहादुरी की ऐसी मिसाल कायम की, जिस पर देश हमेशा गर्व करता रहेगा। मुख्यातिथि ने इस अवसर पर सात और शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया। माधोपुर बीएसएफ की 121वीं बटालियन के जवानों ने शहीद नायक कमलजीत सिंह की समाधि पर शस्त्र उल्टे कर बिगुल की मातमी धुन से उन्हें सलामी दी। श्रद्धांजलि समारोह में शहीद के भांजे आघोष कुमार, बीएसएफ की 58वीं बटालियन के टूआइसीएम रविंद्र, 132 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट इंद्रजीत कुमार, सहायक कमांडेंट अखिलेश कुमार यादव, सहायक कमांडेंट एनके पाठक, ब्लॉक समिति नरोट जैमल सिंह के चेयरमैन राज कुमार सिहोड़ा, कंपनी कमांडर राम अवतार, शहीद कर्नल केएल गुप्ता के भाई सुरिंद्र बजाज, पीपीसीसी सचिव रिटायर प्रिसिपल ठाकुर जगदेव सिंह, शहीद सिपाही जतिंद्र कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद सिपाही दीवान चंद की पत्नी सुमित्रा देवी, शहीद सिपाही कुलदीप कुमार के पिता बंतराम, शहीद लांस नायक हरीश पाल शमर के भाई सतीश शमर ने भी विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस मौके पर रिटायर इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह, इंस्पेक्टर सुनील मीना, इंस्पेक्टर अवतार सिंह, सूबेदार शक्ति पठानिया, सरपंच सिहोड़ा कलां गौरव कुमार, सुरजीत सिंह, ब्लाक समिति मेंबर अवतार सिंह, इंस्पेक्टर अवतार सिंह, बमियाल चौंकी इंचार्ज अंग्रेज सिंह, एएसआई नरेश सिघा, हवलदार हरपाल सिंह, तजिन्द्र कुमार, बख्शीश सिंह, संसार सिंह आदि भी उपस्थित थे।
सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए कमलजीत आज भी मसीहा
परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि नायक कमलजीत सिंह ने आखिरी गोली व अंतिम सांस तक लड़ते हुए पाक सेना को धूल चटाकर इस पोस्ट व सिबल गांव के लोगों को बचाया था। सीमावर्ती क्षेत्र के लोग आज भी कमलजीत को एक मसीहा के रूप में मानते हैं। इस पोस्ट पर उगा यह बेरी का पेड़ पाक सेना की नापाक हरकत का गवाह है, जिस पर 48 वर्ष पहले पाक सेना ने दरिदगी दिखाते हुए कमलजीत सिंह का सिर कलम कर लटकाया था तथा पाक सेना आज भी ऐसी हरकतों से बाज नहीं आ रही।