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मौत के तीन साल बाद बहरीन से आया शव

बेहतर भविष्य की आस में अमरीक सिंह 2016 में बहरीन गया था। एक साल बाद ही उसकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 12:33 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 05:10 AM (IST)
मौत के तीन साल बाद बहरीन से आया शव
मौत के तीन साल बाद बहरीन से आया शव

संवाद सहयोगी, बमियाल :

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बेहतर भविष्य की आस में अमरीक सिंह 2016 में बहरीन गया था। एक साल बाद ही उसकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। तीन साल के इंतजार के बाद शनिवार को बमियाल क्षेत्र के गांव फरवाल में उसका शव पहुंचा। शव को देख मां राज कौर सहित स्वजन बिलख पड़े। स्वजनों को इस बात का भरोसा नहीं था कि अपने बेटे का अंतिम संस्कार भी कर पाएंगे। इसे परिजनों तक पहुंचाने का काम इंडियन एंबेसी ने किया। शनिवार को परिजनों व गांववासियों ने रस्मों के साथ अमरीक को अंतिम विदाई दी। 2016 में रोजी-रोटी कमाने के लिए गांव फरवाल का 33 वर्षीय अमरीक बहरीन में गया था। वहां 4 जून 2017 को एक सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गई थी।

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दो सालों तक नहीं मिली खबर

परिवार वालों को उसकी मौत की खबर तक नहीं थी। मृतक के बड़े भाई राजेंद्र सिंह ने बताया कि अमरीक से पहले 6 महीने तक फोन पर बातचीत होती रही। बाद में उसका फोन आना बंद हो गया। परिवार ने अपने तरफ से उससे संपर्क करने की कोशिश की पर नहीं हो सका। डेढ़ वर्ष तक अमरीक की खोज खबर में लगे रहे। वह जिस कंपनी में काम करता था वहां संपर्क करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। मृतक अमरीक तीन भाइयों में सबसे छोटा भाई था। वह अभी अविवाहित था, जबकि उनके पिता की मौत पहले ही हो चुकी है।

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भारतीय दूतावास ने निभाई अहम भूमिका

सरपंच दलजीत सिंह ने बताया कि परिवार ने अमरीक का पता लगाने के लिए सरकार, प्रशासन से लेकर हरसंभव प्रयास किया। मामले को विधायक जोगिद्र पाल और एसएसपी के जरिये भारतीय दूतावास से संपर्क किया। दूतावास ने उन्हें जानकारी दी कि अमरीक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। इसके बाद परिवार ने दूतावास से शव भारत लाने की गुहार लगाई गई।

फ्रीजर में रखा था शव

पता चला कि अमरीक का शव बहरीन में स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षित रखा है और एंबेसी के संपर्क साधने पर इसे फ्रीजर में ही रखा गया। सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी होने पर शव को हासिल कर सकी। इस प्रक्रिया में सारा खर्च भारतीय दूतावास ने ही वहन किया।

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