पंजाब में छिपे रहे थे आतंकी, बिना नंबर कार से डिलीवर किए गए थे हथियार
आतंकियों को हथियार अमृतसर-बटाला रोड पर एक बिना नंबर की कार से डिलीवर किए गए थे। हथियार देने से पहले कार और ट्रक में सवार आतंकियों ने दो से तीन बार डिलीवरी की लोकेशन बदली थी।
जेएनएन, पठानकोट। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद बौखलाए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर जैसे आतंकी संगठन किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए पंजाब के रास्ते घाटी में आतंकियों को हथियार पहुंचाने की फिराक में हैं। सुरक्षा एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर गत सप्ताह लखनपुर में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़ी साजिश को नाकाम किया था।
सूत्रों के अनुसार आतंकियों को हथियार अमृतसर-बटाला रोड पर एक बिना नंबर की कार से डिलीवर किए गए थे। हथियार देने से पहले कार और ट्रक में सवार आतंकियों ने दो से तीन बार डिलीवरी की लोकेशन बदली थी। अंत में जब वे हथियारों की डिलीवरी के लिए मिले, तो दोनों के बीच कोड वर्ड में बातचीत हुई।
कोड वर्ड मिलने के बाद हथियारों का बैग सौंपा गया था। यह भी बताया जा रहा है कि लखनपुर में पकड़े गए तीन आतंकियों में से एक का रिश्तेदार पाकिस्तान में बैठा है। उसकी निर्देश पर ही हथियारों की खेप जम्मू में पहुंचाई जानी थी। आतंकियों के मोबाइल कॉल की लोकेशन ट्रेस कर सुरक्षा एजेंसियां कश्मीर में बैठे इनके आकाओं का पता लगाने में जुटी हैं। हालांकि कोई भी पुलिस अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।
पंजाब में छिपे रहे थे आतंकी
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने वीरवार सुबह राज्य के प्रवेशद्वार लखनपुर में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को भारी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। वे ट्रक पर सवार होगा पंजाब से श्रीनगर जा रहे थे। हथियारों को ट्रक में गत्ते के डिब्बों के बीच छिपाकर रखा गया था। उनसे चार एके-56 राइफल, दो एके-47 राइफल, छह मैगजीन, 180 कारतूस और 11 हजार रुपये कैश बरामद हुआ था। यह सारी खेप पंजाब से होकर लखनपुर पहुंची। इससे पहने आतंकी कई दिनों तक पंजाब में छिपे रहे।
माधोपुर नाके पर बड़ी खामी, जम्मू जाने वाले रास्ते पर हाईमास्ट लाइट नहीं
पंजाब से जम्मू जाने के लिए जिले के अंतिम पड़ाव माधोपुर नाके पर एक और बड़ी खामी सामने आई है। नाके पर जम्मू की ओर जाने वाली सड़क पर लाइट की सही व्यवस्था नहीं है। अगर दो से तीन वाहन यहां लाइन में निकलें तो यहां लगे सीसीटीवी से उनके नंबर ट्रेस कर पाना आसान नहीं है। यह भी आशंका है कि हो सकता है आतंकियों ने ट्रक को माधोपुर नाके से निकालने के लिए इसी खामी का फायदा उठाया हो। हालांकि, जम्मू से पंजाब की ओर आने वाले वाहनों की जिस स्थान पर जांच होती है, वहां दो हाईमास्ट लाइटें लगी हुई हैं, लेकिन दूसरे रास्ते पर यह व्यवस्था नहीं है।
गौरतलब है कि इस रास्ते से हर रोज औसतन 10 से 12 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। दिन के उजाले में सीसीटीवी भले ही सभी वाहनों को रिकॉर्ड कर लेते हैं, लेकिन रात को पूरी लाइट न होने के कारण दो-तीन वाहनों के इकट्ठा गुजरने पर वाहनों के नंबर सीसीटीवी कैमरों की पकड़ में नहीं आते हैं। पंजाब के प्रवेश द्वार माधोपुर नाके पर बिजली गुल होने की स्थिति में इनर्वटर काम करते हैं। इनवर्टर की मदद से कैमरे तो काम करते हैं, लेकिन आसपास लाइट की व्यवस्था गड़बड़ा जाती है।
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