राजनीतिक खींचतान के बीच सर्वर डाउन बना बहाना, फिर टले 1 करोड़ रुपये से होने वाले विकास कार्यों के टेंडर
शहर में एक करोड़ रुपये से होने वाले कार्यों पर फिर ब्रेक लग गई है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : शहर में एक करोड़ रुपये से होने वाले कार्यों पर फिर ब्रेक लग गई है। कारण, पिछली बार भी निगम प्रशासन ने बहानेबाजी बनाकर टेंडर खोलने की प्रक्रिया को टाल दिया था। टेंडर न खुलने की वजह से शहर के 50 वार्डों में रहने वाले सवा तीन लाख आबादी फिर विकास कार्यो से वंचित होगी। हालांकि, दैनिक जागरण की ओर से अपने मंगलवार को प्रकाशित अंक में पहले ही साफ कर दिया था कि बुधवार को खुलने वाले टेंडरों को लेकर भले निगम अधिकारी प्रक्रिया पूरी कर लेने की बात कर रहे हैं। लेकिन, टेंडर खुलने को लेकर संशय बरकरार है। बुधवार सुबह से निगम अधिकारी दोपहर बाद प्रक्रिया शुरू करने की बात कह रहे थे लेकिन, दोपहर तीन बजे के बाद एक्सईएन ने जब प्रक्रिया शुरू की तो सर्वर डाउन होने की बात कहकर टेंडर प्रक्रिया टाल दी गई।
भाजपा के कब्जे वाली नगर निगम में कांग्रेस के साथ टकराव लंबे समय से चल रहा है। ऐसे में राजनीतिक दलों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी विकास कार्यों को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। अब शहरवासियों में भी रोष है कि हाउस से मंजूरी मिलने के बाद भी आखिरकार इन कार्यों को शुरू क्यों नहीं करवाया जा रहा। दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर लोगों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं।
एक करोड़ से प्रत्येक वार्ड में दो-दो लाख का होना है काम
लोकसभा चुनाव से पहले हाउस की मीटिग में प्रत्येक वार्ड में 2-2 लाख रुपए की मेंटीनेंस के काम को मंजूरी दी गई थी। मगर, उस पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया था। इसके तहत पिछले माह निगम ने प्रत्येक वार्ड में करवाए जाने वाले कार्याें के लिए टेंडर कॉल किया था। प्रस्ताव के मुताबिक प्रत्येक वार्ड में जैसे डैमेज पानी की लाइन बदलना, सीवरेज के टूटे ढक्कनों को ठीक करना, गलियों-नालियों की रिपेयर आदि काम करवाए जाने हैं।
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आठ महीने से रूका पड़ा है काम : धर्मपाल
रिटायर्ड इंजीनियर धर्मपाल का कहना है कि वार्ड नंबर 14 लमीनी में इस वर्ष गलियां बनाने का काम शुरू हुआ था। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही काम बंद हो गया। इसके बाद काम शुरु नहीं हो पाया है, जिसे शुरू करवाने के लिए वह कई बार निगम अधिकारियों व मेयर से भी मिल चुके हैं।
क्रेडिट वार के चलते नहीं हो रहे काम : मनोहर लाल
पावरकॉम से रिटायर्ड हुए हेड ड्राफ्टसमैन मनोहर लाल का कहना है कि निगम पर भाजपा विराजमान है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। दोनों के बीच आपसी तालमेल न होने के कारण समस्या पैदा हो रही है। दोनों पार्टियों के नेता काम पर क्रेडिट लेना चाहते हैं, जिस कारण शहर में पिछले कई महीनों से विकास कार्य रुके पड़े हैं।
दोनों पार्टियां अपना-अपना बेनिफिट देख रही : वीरेंद्र पाल
सीनियर बैंक मैनेजर के पद से रिटायर्ड हुए वीरेंद्र पाल सिंह का कहना है कि अगले कुछ महीनों में निगम चुनाव होने वाले हैं। इसको देखते हुए दोनों पार्टियों के नेता अपना-अपना बेनिफिट देख रहे हैं कि किस तरह से निगम पर कब्जा किया जा सके। यही मेन वजह है शहर में विकास कार्यों पर ब्रेक लगने की।
राजनीतिक से उपर उठ कर होने चाहिए काम : गुरदीप चंद
रिटायर्ड प्रिसिपल गुरदीप चंद का कहना है कि दोनों पार्टियों को लोगों को पेश आ रही परेशानियों पर ध्यान देते हुए राजनीति से उपर उठकर शहर में विकास कार्य करवाने चाहिए। वह निगम प्रशासन से भी मांग करते हैं कि वह लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए जो काम जरुरी हैं उन्हें पहल के आधार पर करवाकर समस्याओं का समाधान करवाएं।
सरकार के दबाव में काम कर रहा निगम प्रशासन : मेयर
टेंडर न खुलने पर मेयर अनिल वासुदेवा ने हाउस के यह पुराने काम हैं जिन पर अधिकारी टालमटोल की नीति अपना रहे हैं। अभी तो एफएंडसीसी के चार करोड़ और हाउस में पारित 10.50 करोड़ के कार्यों के टेंडरों पर तो कोई बात ही नहीं हो रही। यहां तक कि नालों की सफाई के काम रोक दिए गए हैं। टेंडरों को रोकना भाजपा शासित नगर निगम को फ्लॉप साबित करने का साजिश चल ही है।
सर्वर डाउन होने की वजह से नहीं खुल सके टेंडर : एक्सईएन
नगर निगम के एक्सईएन सरदार सुरजीत सिंह ने कहा कि सर्वर डाउन होने की वजह से एक करोड़ रुपये से होने वाले कार्यों के टेंडर नहीं खुल पाए हैं। टेंडर हर हाल में खुलेंगे भले ही इसमें दो-तीन दिन क्यों न लग जाएं। कितने ठेकेदारों की ओर से टेंडर में भाग लिया गया, सर्वर डाउन होने की वजह से कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।