साइकोलॉजी ऑनर्स सुदीक्षा ने संभाली संत निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक प्रमुख की जिम्मेदारी
संत बाबा हरदेव सिंह व सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की छोटी पुत्री सुदीक्षा औपचारिक रूप से मिशन की छठी सतगुरु व आध्यात्मिक प्रमुख घोषित की गईं।
जेएनएन, पठानकोट। संत निरंकारी मिशन के संत बाबा हरदेव सिंह व सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की छोटी पुत्री सुदीक्षा औपचारिक रूप से मिशन की छठी सतगुरु व आध्यात्मिक प्रमुख घोषित की गईं। निरंकारी सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की उपस्थिति में दिल्ली के बुराड़ी रोड स्थित निरंकारी आध्यात्मिक स्थल में आयोजित सत्संग के दौरान उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई। इस अवसर पर देश-विदेश से लाखों की तादाद में संगत मौजूद थीं।
सर्वप्रथम माता सविंदर हरदेव जी महाराज ने सुदीक्षा के मस्तिष्क पर तिलक लगाया, उन्हें सतगुरु के पवित्र आसन पर बिठाया और निरंकारी सद्गुरु की आध्यात्मिक शक्तियों का प्रतीक, श्वेत दुपट्टा एक भक्त की सहायता से पहनाया। इसके बाद संत निरंकारी मंडल के अध्यक्ष गोबिंद सिंह, चेयरमैन खेमराज चड्ढा, मंडल के महासचिव वीडी नागपाल के अतिरिक्त अन्य वरिष्ठ संतों बहन सुदीक्षा को फूल मालाएं पहना कर उनका स्वागत किया।
संगत को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए सतगुरुमाता सविंदर हरदेव जी महाराज ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि बाबा हरदेव जी महाराज के बताए मार्ग पर चलकर सुदीक्षा और संगत उनके सपनों को साकार करेंगी। वहीं निरंकारी सतगुरु की जिम्मेदारी संभालने के बाद अपने प्रथम प्रवचन में सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज ने कहा कि उनमें कोई ऐसा गुण तो नहीं हैं, लेकिन उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया है क्योंकि यह सतगुरु से आशीर्वाद के रूप में उन्हें मिला है। उन्होंने कहा कि बाबा हरदेव जी महाराज की तरह वह भी साध संगत को अपने सिर का ताज मानती हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि संगत से उन्हें भी पूर्ण सहयोग मिलेगा।
दिल्ली में हुआ है माता सुदीक्षा का जन्म
मिशन के पब्लिसिटी इंचार्ज कृपा सागर के अनुसार बाबा हरदेव सिंह व सतगुरु माता सविंदर हरदेव सिंह की 3 बेटियां समता, रेणुका व सुदीक्षा हैं। सुदीक्षा सबसे छोटी बेटी हैं। नवनियुक्त निरंकारी प्रमुख माता सुदीक्षा का जन्म 13 मार्च, 1985 को दिल्ली में हुआ और उन्होंने साइकोलॉजी में ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन तक की शिक्षा प्राप्त की है। दिसंबर 2016 से संत निरंकारी मंडल के विदेश विभाग के इंचार्ज के रूप में 60 से अधिक देशों में मिशन की गतिविधियों का मार्गदर्शन करती आ रही हैं।
1929 में हुई थी मिशन की स्थापना
संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में हुई थी। बाबा बूटा सिंह मिशन के पहले सतगुरु थे। उनके निरंकार लीन होने पर 1943 में बाबा अवतार सिंह मिशन के दूसरे सतगुरु बनें। बाबा अवतार सिंह ने अपने जीते जी ही दिसंबर 1962 में बाबा गुरबचन सिंह को मिशन का सतगुरु घोषित कर दिया था।
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24 अप्रैल, 1980 को बाबा गुरबचन सिंह जी के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके बेटे बाबा हरदेव ङ्क्षसह ने सेवा की जिम्मेदारी संभाली। 13 मई, 2016 को वह कनाडा के मोंटरियाल में हुए सड़क हादसे में निरंकार लीन हो गए, जिसके बाद बाबा हरदेव जी की धर्म पत्नी सतगुरु माता सविंदर हरदेव मिशन के पांचवें सतगुरु बने। माता सविंदर ने ही अब अपनी छोटी बेटी सुदीक्षा को सतगुरु व आध्यात्मिक प्रमुख घोषित किया है।
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