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कोरोना से ज्यादा शहर में आवारा कुत्तों का आतंक, 14 लोग को काटा

कोरोना से ज्यादा पठानकोट में कुत्तों का आतंक हो गया है। डॉग बाइट के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 09:46 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 09:46 PM (IST)
कोरोना से ज्यादा शहर में आवारा कुत्तों का आतंक, 14 लोग को काटा
कोरोना से ज्यादा शहर में आवारा कुत्तों का आतंक, 14 लोग को काटा

संवाद सहयोगी, पठानकोट : कोरोना से ज्यादा पठानकोट में कुत्तों का आतंक हो गया है। डॉग बाइट के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वीरवार को 20 लोगों को कुत्तों ने अपना शिकार बना लिया। अभी तक सिविल अस्पताल पठानकोट में आवारा कुत्तों के शिकार मरीजों की तादाद 76 पहुंच गई है। इन मरीजों में बच्चों, महिलाओं से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। बुधवार को 56 लोग कुत्तों के शिकार बने थे। वीरवार को शहर में कुत्तों ने 14 और अन्य इलाकों में छह लोगों को काट लिया। अब सड़कों एवं गलियों में लोग अकेले निकलने से कतराने लगे हैं। बुधवार को एक ही आवारा कुत्ते ने पूरे शहर में आतंक मचाया था। ये बने कुत्तों के शिकार

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हरमीत, रमेश, सुनैयना, अशोक कुमार, बलवंत, अशोक, मेवा सिंह, पूर्ण चंद, रमन कौर, किशन, सीता राम, जसपाल, राजेश कुमार, कनैया राम, सुनील, रतन लाल ने मौके पर सिविल अस्पताल पहुंच उपचार करवाया। ढांगू रोड, ढाकी, सुंदरनगर, प्रीत नगर में कुत्तों का कहर ज्यादा नजर आ रहा है।

निगम नाकाम

नगर निगम आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने में नाकाम साबित हुआ है। चार माह पहले निगम ने दावा किया था आवारा कुत्तों की नसबंदी के साथ ही पकड़ने का काम होगा। बावजूद इसके यह प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ सकी। निगम की नाकामी की सजा आमलोगों को भुगतनी पड़ रही है। हालत यह है कि जिन कुत्तों ने लोगों को काट खाया, उन्हें पकड़ा नहीं जा सका। दूसरी तरफ निगम हेल्थ अफसर एनके शर्मा का कहना है कि इस बाबत उचित कदम उठाए जा रहे हैं।

लोग करवाएं उपचार

एसएमओ डॉ भूपिद्र सिंह का कहना है एंटी रैबीज के इंजेक्शन उपलब्ध हैं। डॉग बाइट के बाद लोग सीधे अस्पतल आएं और उपचार करवाएं।

- 3500 डॉग बाइट के मामले 4 माह में आए सामने

- 1000 डॉग बाइट के मामले पठानकोट शहर में

- 1000 से अधिक पठानकोट में आवारा कुत्तों की तादाद

कुत्ते के हमले से कैसे बचें :

- आपके और कुत्ते के बीच एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें

- कभी भी ऐसे कुत्ते के पास न आएं जो भौंकने, उगने, झुकाव, सोने, खाने या उसके पिल्लों की नर्सिंग कर रहा हो।

- अपने रास्ते में आने वाले कुत्तों के बारे में सजग रहें

- यदि चोट लगे हिस्से को कुत्ता चाट ले तो भी रेबीज संक्रमण शरीर में प्रवेश कर सकता है। डॉग बाइट पर ऐसा करें

- जिस जगह कुत्ते ने काटा है उस हिस्से को साबुन से धो लें

- 24 घंटे में एंटी रेबीज टीका लगवाएं

- पांच इंजेक्शन निर्धारित समय पर लगवाएं


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