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तंत्र के गण: टेंट में शुरू हुआ था पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन, आज पूरे उत्तर भारत को दे रहा हवाई सुरक्षा

7 नवंबर 1962 को पठानकोट में टेंट के आवास व कार्यालय स्थापित कर एयरबेस की शुरुआत कर दी गई थी। विमानों के लिए पीएसपी शीट्स का रन-वे बनाया गया था। यहीं से पठानकोट की सुरक्षा को अभेद बनाने की शुरुआत की गई थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 05:54 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 05:54 AM (IST)
तंत्र के गण: टेंट में शुरू हुआ था पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन, आज पूरे उत्तर भारत को दे रहा हवाई सुरक्षा
तंत्र के गण: टेंट में शुरू हुआ था पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन, आज पूरे उत्तर भारत को दे रहा हवाई सुरक्षा

जागरण संवाददाता, पठानकोट: 27 जुलाई 2011 से पहले पठानकोट जिला गुरदासपुर की तहसील मुख्यालय हुआ करता था, लेकिन पर उस दौरान भी इसकी सीमा पाकिस्तान के साथ-साथ जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के साथ सटी होने के कारण पठानकोट को सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता था। शायद इसी वजह से 15 अक्टूबर 1962 में भारत सरकार की ओर से पठानकोट में एयरबेस की स्थापना को मंजूरी दे दी गई थी। 7 नवंबर 1962 को पठानकोट में टेंट के आवास व कार्यालय स्थापित कर एयरबेस की शुरुआत कर दी गई थी। विमानों के लिए पीएसपी शीट्स का रन-वे बनाया गया था। यहीं से पठानकोट की सुरक्षा को अभेद बनाने की शुरुआत की गई थी। उल्लेखनीय है कि 7 नवंबर को स्थापित पठानकोट का एयरबेस आज भारत का सबसे अत्याधुनिक एयरबेस है और सुपरसोनिक फाइटर विमानों का यहा जमावड़ा है। सिर्फ पठानकोट ही नहीं बल्कि लेह-लद्दाख जैसे विश्व के सबसे दुर्गम व ऊंचाई पर स्थित युद्धक्षेत्र में चीन के साथ दो-दो हाथ करने की नौबत आने पर भी पठानकोट एयरबेस ने अहम भूमिका निभाई थी। बता दें कि पठानकोट में सैन्य छावनी भी है। इससे भी पठानकोट की सुरक्षा मजबूत हुई है।

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दो जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला होने के बाद हालाकि, एयरफोर्स स्टेशन के सुरक्षा चक्त्र में कुछ तकनीकी खामिया सामने आई थी, पर इसके बाद यहा सुरक्षा को अभेद बना दिया गया। भले ही पठानकोट एक ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा है और दूसरी ओर जम्मू कश्मीर जैसे अतिसंवेदनशील माने जाने वाले राज्य से, लेकिन मौजूदा समय में पठानकोट बार्डर जिला होने के बावजूद पंजाब के सबसे सुरक्षित जिलों में भी शुमार है।

डेयरीवाल इलाके में पुलिस लाइन बनाने का है प्रस्ताव

गौरतलब है कि बीते वर्ष 21 नवंबर की रात सैन्य कैंप स्थित त्रिवेणी गेट पर बाइक सवारों द्वारा ग्रेनेड ब्लास्ट किया गया था। पर इसके अलावा 2016 में एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद से अब तक पठानकोट में अब तक कोई बड़ी वारदात नहीं हो सकी है। सुरक्षा के लिहाज से जहा एक ओर बार्डर इलाकों में सड़क अथवा ब्रिज नेटवर्क को मजबूत बनाया गया है। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने अथवा ला एंड आर्डर व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए डेयरीवाल इलाके में पुलिस लाइन बनाने का भी प्रस्ताव है।


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