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पंजाब की सीमा पर बसे गांवों में नहीं थम रहा नशे का धंधा

पंजाब की सीमा पर बसे गांवों में नशे का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 12:16 AM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 12:16 AM (IST)
पंजाब की सीमा पर बसे गांवों में नहीं थम रहा नशे का धंधा
पंजाब की सीमा पर बसे गांवों में नहीं थम रहा नशे का धंधा

संवाद सहयोगी, डमटाल

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पंजाब की सीमा पर बसे गांवों में नशे का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। लंबे समय से हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब पुलिस इन गांवों में रेड करके कार्रवाई कर रही है लेकिन पुलिस कार्रवाई के कुछ समय बाद ही यह अड्डे फिर से नशे का कारोबार करने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। इंटरस्टेट बॉर्डर पर होने के कारण इन गांवों से दोनों राज्यों में नशे का व्यापार तस्करों द्वारा किया जा रहा है। हाल ही में कुछ दिन पहले हिमाचल पुलिस ने सीमावर्ती गांव भदरोया, छन्नी, बेली आदि में रेड करके नशे के अवैध कारोबार को उजागर किया था। इस रेड में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया था और बड़ी मात्रा में नशे की खेप भी बरामद की थी। वहीं पुलिस ने अवैध हथियार, लाखों रुपये और अवैध वाहन भी बरामद किए थे जिससे यह पता चलता है कि इन गांवों में नशे का कारोबार बड़े स्तर पर हो रहा है। सूत्रों की मानें तो पंजाब की सीमा से सटे हिमाचल प्रदेश के गांव छन्नी बेली में चल रहे नशे के अडडे तो उत्तर भारत के कई राज्यों में नशा तस्करी को अंजाम दे रहे हैं।

गांव छन्नी बेली को पूरे उत्तर भारत मे नशे के कारोबार के लिए जाना जाता है। सूत्रों के अनुसार रोजाना यहां लाखों रुपए का नशे का अवैध कारोबार होता है। हेरोइन, शराब समेत अन्य प्रकार के नशे यहां कई बार पुलिस बरामद कर चुकी है। सबसे ज्यादा तस्करी हेरोइन यानि चिट्टे की होती है। छन्नी बेली में इस मंहगे नशे को खरीदने हिमाचल, पंजाब, दिल्ली एंव जेएंडके समेत कई अन्य जगहों से लोग आते हैं। नशा तस्करों ने अवैध धंधे से खूब कालाधन कमा कर यहां प्रॉपर्टी भी बना ली है। लेकिन हिमाचल प्रदेश का आयकर विभाग भी कोई कार्रवाई करने में सक्षम नहीं दिख रहा है। सूत्र बताते हैं कि आयकर विभाग ने प्रापर्टी जब्त करने के लिए कार्रवाई तो शुरू की थी लेकिन अब वह कार्रवाई ठंडे बस्ते में है। सिर्फ प्रशासन ही नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियां भी इस अवैध कारोबार को लेकर सवालों के घेरे में हैं। आजतक किसी राजनेता ने इन तस्करों के खिलाफ आवाज तक नहीं उठाई है।

सोने से भी महंगा है चिट्टा

जानकारी के अनुसार चिटटा यानि हेरोइन ही वह नशा है जिसकी तस्करी सबसे अधिक यहां हो रही है। इसके पीछे का कारण चिटटे के एडिक्टिव केमिकल से लेकर महंगे दाम हैं। इस खतरनाक सिथेटिक ड्रग का रंग तो सफेद है लेकिन इसका दाम सोने से भी कहीं ज्यादा है। पुलिस के अनुसार चिटटे का दाम 60 हजार रूपए तोला पहुंच चुका है। इसके पीछे का कारण यह है कि चिटटे की डोज एक बार लेने पर ही व्यक्ति इसकी लत का शिकार हो जाता है। हेरोइन में एडिक्टिव केमिकल मिलाकर बनाया जाने वाला यह ड्रग लाखों युवाओं की रगों में दौड़ रहा है। डमटाल पुलिस थाना के प्रभारी अजीत कुमार ने कहा कि नशा तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए समय-समय पर रेड की जाती है और कार्रवाई भी की जाती है।


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