Move to Jagran APP

जलस्तर बढ़ने से बढ़ी सिंबल सकोल के बाशिंदों की मुसीबतें

पठानकोट से सटे बमियाल के सिबल सकोल के बशिदे गांव के निकट तरनाह नाले में बढ़े जलस्तर से परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 10:59 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 10:59 PM (IST)
जलस्तर बढ़ने से बढ़ी सिंबल सकोल के बाशिंदों की मुसीबतें
जलस्तर बढ़ने से बढ़ी सिंबल सकोल के बाशिंदों की मुसीबतें

दीपक कुमार, बमियाल : जिला पठानकोट से सटे बमियाल के जीरो लाइन पर बसे गांव सिबल सकोल के बशिदे गांव के निकट बहते तरनाह नाले में बढ़े जलस्तर से परेशान हैं। बरसात के मौसम में यह नाला एक विशाल दरिया का रूप धारण कर चुका है। ग्रामीणों कई बार पक्के पुल के निर्माण की मांग कर चुके हैं, मगर अभी तक उनकी मांग पूरी नहीं की गई है।

prime article banner

बरसात में गांव के निकट बहते दरिया पर डाला गया अस्थायी पुल लोक निर्माण विभाग की ओर से उठा लिया गया है। इसके बाद ग्रामीण नाव पर आवागमन करने को निर्भर हैं। वहीं, दरिया उफान पर होने की स्थिति में सीमा सुरक्षा बल की पोस्ट पर तैनात जवान मोटर बोर्ड के जरिये ग्रामीणों को दरिया पार करवाते हैं। दरिया में जो नाव इस समय चल रही है उसकी स्थिति ठीक नहीं है। गांववासी बरसात में अपने दोपहिया वाहन गांव में लगाने की बजाय दरिया के दूसरे किनारे गांवों के बाहर लगाते हैं।

ग्रामीण सुरेंदर कुमार, सुजीत सिंह जसबीर सिंह बिल्ला और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में गांव के निकट रहने वाला तरनाह, नाला पूरे उफान पर होता है। दरिया में अधिक पानी होने की स्थिति में ग्रामीणों को दोपहिया वाहन दरिया के दूसरे किनारे खड़े करने पड़ रहे हैं। रात्रि के समय अगर गांव के किसी परिवार का सदस्य बीमार पड़ जाए तो लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है, क्योंकि यहां कोई सरकारी सेहत सुविधा नहीं है। बार-बार यहां स्थायी पुल की निर्माण की मांग की है परंतु अभी तक यह मांग पूरी नहीं हो पाई है।

छात्राओं कोमल देवी, सोनिया, जश्नप्रीत, अमन, आकाशदीप और विकास ने बताया कि कई बार ऐसे भी हालात पैदा हुए हैं कि जब दरिया में कम पानी होने पर नाव के सहारे अपने स्कूलों को जाते हैं। मगर वापसी के समय दरिया का बहाव तेज होने के कारण उन्हें कई घंटे दूसरे किनारे बैठ कर पानी कम होने का इंतजार करना पड़ता है। गांव में स्थित पोस्ट पर तैनात बीएसएफ के जवान अकसर ग्रामीणों को कठिन घड़ी में हर संभव मदद करते हैं।

कोट्स

पिछले करीब 15 वर्षो से गांव के लोगों को नाव के सहारे दरिया पार करवा रहे हैं। दरिया में पानी का बहाव तेज हो जाने के कारण कई बार नाव चलाने की हिम्मत नहीं पड़ती।

सुखदेव सिंह, नाव चालक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.