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मास्टरजी पर उम्र-अनदेखी हावी, चुप्पी तोड़ें भाजपा नेता

भाजपा के वरिष्ठ नेता मास्टर मोहनलाल के गठबंधन तोड़ने पर दिए बयान के बाद शिरोमणि अकाली दल अशांत है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 06:36 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 06:12 AM (IST)
मास्टरजी पर उम्र-अनदेखी हावी, चुप्पी तोड़ें भाजपा नेता
मास्टरजी पर उम्र-अनदेखी हावी, चुप्पी तोड़ें भाजपा नेता

वीरेन पराशर, पठानकोट : भाजपा के वरिष्ठ नेता मास्टर मोहनलाल के गठबंधन तोड़ने पर दिए बयान के बाद शिरोमणि अकाली दल अशांत है। अकाली दल इस मुद्दे पर अपने आलाकमान के साथ ही भाजपा नेताओं के रूख को टटोल रहा है। अकाली दल के शहरी जिलाध्यक्ष सुरिद्र सिंह कनवर मिटू ने कहा है कि मास्टर जी बुजुर्ग नेता है, उम्र हावी होने के साथ ही भाजपा में अनदेखी झेल रहे हैं। मास्टरजी का बयान उनके लाइमलाइट में आने की सियासत का हिस्सा हो सकता है। वह बुजुर्ग नेता पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि दोनों दलों का गठबंधन सालों पुराना है। उन्हें हैरानी इस बात की है कि इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने चुप्पी क्यों साधी हुई है। वह गठबंधन से अलग होने के समर्थन में हैं या नहीं, तो खुलकर अपनी बात रखें। भाजपा नेताओं की खामोशी के कई अर्थ निकलते हैं। अकाली दल इस बात को लेकर भाजपा से निदा करने की मांग कर चुका है लेकिन किसी भी नेता का भी बयान सामने नहीं आया। मिटू ने कहा कि इन हालातों को लेकर जिला संगठन ने आलाकमान से भी संपर्क किया है, जैसा आदेश उन्हें उच्च नेता करेंगे संगठन वैसे ही आगामी कदम उठाएगा। निकाय चुनाव लड़ेंगे, भाजपा से मांगेंगे सीटें

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अकाली दल के शहरी जिलाध्यक्ष ने कहा कि अकाली दल आगामी नगर निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी में है। नगर निगम पठानकोट में दल पूरे दमखम के साथ अकाली दल उतरेगा। इस मुद्दे को लेकर पार्टी की रविवार को बैठक होगी और इस पर चर्चा होगी। दल निकाय चुनाव में भाजपा से सीटें मांग करेगा। अकाली दल पहले यह फैसला लेगा कि निकाय के कितने वार्ड में उम्मीदवार उतारे जाएं। शहर की जनता अकाली दल को पूरा सपोर्ट करेगी।

मिंटू बोले- हमारे पास 50 हजार सदस्य

जिलाध्यक्ष का कहना है पठानकोट में अकाली दल पहले के मुकाबले काफी मजबूत है। बेशक पार्टी यहां से चुनाव नहीं लड़ती है बीते महीनों में मेंबरशिप अभियान को लोगों का अच्छा सहयोग मिला। उनका दावा है कि जिले में 50 हजार सदस्य अकाली दल बना चुका है। शहरी और ग्रामीण एरिया दोनों में पार्टी की पकड़ है।

निगम पर भाजपा काबिज, अकाली दल एंट्री की फिराक में

फिलहाल भाजपा और अकाली दल का गठबंधन बरकरार है। नगर निगम पठानकोट में अभी भाजपा का कब्जा है। अब अकाली दल चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर चुका है। वर्तमान 50 वार्डो में 32 पर भाजपा और 18 पर कांग्रेस का कब्जा है। गर्माए माहौल में अकाली दल शहरी राजनीति में कदम रखने के लिए निकाय चुनाव का सहारा ले रहा है। हालांकि पहले भी अकाली दल सीट की मांग उठा चुका है पर उसमें पार्टी को सफलता नहीं मिली। भाजपा ने अकाली दल के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। इस बार भी भाजपा अपने गढ़ में अकाली दल की एंट्री पर सहमत हो इस पर संशय है। जबकि अकाली दल अकेले चुनाव लड़ने का जोखिम लेता है या नहीं। देखना है कि इस बार तलखी के माहौल में दोनों के मध्य की सहमति कैसे बनती है।


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