सुजानपुर, शाहपुरकंडी व नंगलभूर में सतर्क दिखी पुलिस
थाना मकसूदां में हुए बम धमाके से जहां एक तरफ पंजाब पुलिस के थानों की ही सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं तो वहीं जिला पठानकोट के पुलिस थानों में सुरक्षा व्यवस्था लगभग दुरूस्त ही है। शहर के थानों में जहां रात भर पुलिस अलर्ट मिलती है तो वहीं शहर के निकटवर्ती कस्बों एंव ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस लगभग सतर्क ही हैं। हालांकि कुछेक थानों के बाहर चौक आदि में लाईटों की व्यवस्था कम होने की दिक्कत जरूर पाई गई है। लेकिन पुलिस कर्मियों की सतर्कता और अफसरों की मौजूदगी में कोई खामी नहीं पाई गई है।
आर मेहरा/कमल कृष्ण हैप्पी/राकेश कुमार, सुजानपुर/जुगियाल/नंगलभूर (पठानकोट)
थाना मकसूदां में हुए बम धमाके से जहां एक तरफ पंजाब पुलिस के थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, जिला पठानकोट के पुलिस थानों में सुरक्षा व्यवस्था लगभग दुरुस्त ही है। शहर के थानों में जहां रात भर पुलिस अलर्ट मिलती है। वहीं, शहर के निकटवर्ती कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी निभा रही है। हालांकि कुछेक थानों के बाहर चौक आदि में लाइटों की व्यवस्था कम होने की दिक्कत जरूर पाई गई है। लेकिन पुलिस कर्मियों की सतर्कता और अफसरों की मौजूदगी में कोई खामी नहीं पाई गई है। बुधवार रात जागरण टीम ने पुलिस थाना सुजानपुर, शाहपुरकंडी एवं पुलिस थाना नंगलभूर में कर्मचारी पूरी तरह मुस्तैद दिखे। पुलिस अफसर अपनी ड्यूटी निभाते दिखे। काबिलेगौर हो कि मकसूदां थाने में बम धमाके के बाद से पुलिस विभाग के हाथ-पांव फूल चुके हैं। चारों तरफ से एक ही सवाल उठाया जा रहा है कि यदि पुलिस थाना ही सुरक्षित नहीं है तो पंजाब पुलिस जनता की सुरक्षा कैसे करेगी। इसी सवाल की चर्चा हर तरफ हो रही है।
दिन व रात में एक जैसी सुरक्षा व्यवस्था
थाना सुजानपुर की बात करें तो रात के समय यहां सुरक्षा व्यवस्था लगभग उसी प्रकार रहती है जैसे कि सुबह के समय। रात के समय थाने के बड़े गेट की बजाए छोटा गेट खुला रखा जाता है। मुख्यद्वार पर ही संतरी तैनात रहता है। ताकि थाने के बाहर होने वाली किसी भी प्रकार की असामाजिक घटना को ट्रेस किया जा सके। वहीं, बात करें थाना नंगलभूर की तो यहां भी थाने के मुख्य द्वार पर कर्मचारी की तैनाती होने से सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त लगती है। हालांकि नंगलभूर थाना से कुछ दूर ही नंगलभूर का मुख्य चौक है, जहां पर एक मोर्चा भी पुलिस तैनाती के लिए लगाया गया है। यह चौक असुरक्षित जरूर लगता है। इस चौक में बने मोर्चे पर पुलिस तैनात नहीं दिखती। अधिकतर समय रात को यह मोर्चा खाली ही दिखाई देता है। इसके अलावा इसी चौक में लाइटों की कमी भी खतरा बढ़ा देती है। इसके अलावा थाना शाहपुरकंडी के दौरे के दौरान थाने में पुलिस बेहद अलर्ट मिली। रात के 9 बजे थाना प्रभारी दल¨वदर अपने दफ्तर में ही मिले। वहीं, अन्य कर्मचारी भी अपनी डयूटी निभाते हुए दिखे। थाने के मुख्य द्वार पर कर्मचारी पूरी तरह सतर्क थे।