जीवन को नई दिशा देता है सत्संग : संत हरिदास
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संवाद सहयोगी, घरोटा
सत्संग जीवन को नई दिशा देता है, जिससे मनुष्य आत्म कल्याण की ओर अग्रसर होता है। यह बात संत हरिदास महाराज ने कही। वह घरोटा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में श्री लाल द्वारा मंदिर बहारामपुर के 1008 महामंडलेश्वर स्वामी राम दास जी महाराज विशेष तौर पर उपस्थित थे। उनके नेतृत्व में आयोजित होने वाली यह 53वीं कथा है।
कथाकार संत हरिदास महाराज ने सत्संग नियम, ध्यान के उद्देश्य, लक्ष्य व संत परंपरा का धर्म के विकास में योगदान पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने धुंधकारी चरित्र, कुंती स्तुति, परीक्षित जन्म, शुकदेव आगमन कथा सुनाई। वहीं सनातन धर्म पर चर्चा करते हुए श्रद्धालुओं को मूल से जुड़ने का आहवान किया। जो लोग अपने अतीत को भूल जाते हैं, वह पतन की ओर अग्रसर होते हैं जबकि हमारा अतीत अति गौरवमय और प्रेरणा स्त्रोत रहा है। सदैव दुनिया को एक नई दिशा दी है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य जब अच्छे कर्मो के लिए आगे बढ़ता है तो संपूर्ण सृष्टि की शक्ति समाहित होकर मनुष्य के साथ चलती है। सभी कार्य सफल होते हैं। ठीक उसी प्रकार बुरे कर्मों की राह के दौरान संपूर्ण बुरी शक्तियां हमारे साथ हो जाती हैं। इस दौरान मनुष्य को निर्णय करना होता है कि उसको किस राह की ओर चलना है। छल अधिक दिन नहीं चल पाता। उन्होंने जीवन में हर परिस्थिति का सदुपयोग करने की कला सिखाते हुए कहा कि ¨जदगी में मान आए और सुख आए तो ¨चतन करो कि प्रभु मुझे उत्साहित करने के लिए मान दे रहे हैं। सफलता और सुविधा प्रदान कर रहे हैं। जब अपमान आए, दुख और असफलता आए तो हमें ¨चतन करना चाहिए कि प्रभु हमें विपरीत परिस्थितियां देकर हमें सुदृढ़ बना रहे हैं। इस मौके पर सु¨वद्र शर्मा, विनयकांत शर्मा, चमेल ¨सह, सत पाल शर्मा, रमन कुमार, मास्टर अशोक कुमार, ज¨तद्र शर्मा, विजय कुमार, तरसेम कौशल उपस्थित थे।