¨जदगी में उत्थान के लिए ईमानदार होना आवश्यक: साध्वी रेखा
संवाद सहयोगी, घरोटा : सेवा व साधना भक्ति की सफलता के समान है यह बात साध्वी रेखा बहन ने व्यक्
संवाद सहयोगी, घरोटा : सेवा व साधना भक्ति की सफलता के समान है यह बात साध्वी रेखा बहन ने व्यक्त किए। वह योग वेदांत सेवा समिति के तत्वाधान से गोसाईपुर आश्रम में आयोजित एक दिवसीय गीता भागवत सत्संग समारोह को संबोधित कर रही थीं।
साध्वी रेखा बहन ने कहा कि जो मनुष्य इस ¨जदगी में मुक्ति पाना चाहता है। उसे एक जन्म में हजारों वर्षो का काम कर लेना होगा। जैसे स्वपन में मान अपमान, मेरा तेरा, अच्छा बुरा दिखता है। जागृत अवस्था में उसकी सत्यता नही रहती। वैसे ही इस जगत का भी अनुभव करना होगा। रेखा बहन ने कहा कि प्रत्येक साधक को भक्ति में उत्थान हेतु लक्ष्य, ¨चतन, आत्म निरीक्षण, अभ्यास व संतुष्टि के सूत्र को ¨जदगी में अपनाना होगा। वही जो साधक ईमानदार, चरित्रवान होगा उसकी उन्नति को कोई रोक नहीं सकता, बशर्ते वह इसका अहंकार न करे। उन्होंने कहा कि स्वंय को अन्य लोगों की दृष्टि से देखना आपने वास्तविक स्वरूप को न देखकर अपना निरीक्षण अन्य लोगों की ²ष्टि से करना। यह जो स्वभाव है दुख का कारण है। अन्य लोगों की दृष्टि में बहुत सुंदर दिखने की इच्छा करना यही हमारा सामाजिक दोष है। लोग इसलिए दुखी है क्योंकि अज्ञान के कारण वह अपना सत्यस्वरूप भूल गए। अन्य लोग जैसा कहता है वैसा ही अपना को मान बैठते है। यह दुख तब तक दूर नहीं होगा। जब तक मनुष्य आत्म साक्षात्कार नहीं कर लेता। प्रभु को प्रसन्न करने का करें प्रयास
साध्वी रेखा बहन ने आगे कहा कि मनुष्य को परमेश्वर को प्रसन्न करने का प्रयास करना चाहिए। जनता व बहुमति को आप किसी प्रकार से संतुष्ट नहीं कर सकते। जब आपके आत्मदेवता प्रसन्न होगे तब जनता आपस से संतुष्ट होगी। इस मौके पर प्रधान नरेश कुमार, सुभाष जग्गी व पंकज भाई ने आश्रम की और से चल रहे सेवा कार्यो पर चर्चा की।