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शहर के दो फाटकों से हटेगा जाम, 320 करोड़ से तैयार होंगे आरओबी

रेलवे फाटकों पर आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) बनाने का सपना जल्द पूरा होने जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 10:46 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 10:46 PM (IST)
शहर के दो फाटकों से हटेगा जाम, 320 करोड़ से तैयार होंगे आरओबी
शहर के दो फाटकों से हटेगा जाम, 320 करोड़ से तैयार होंगे आरओबी

विनोद कुमार, पठानकोट : शहर के दो अति व्यस्त रेलवे फाटकों पर आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) बनाने का सपना जल्द पूरा होने जा रहा है। कैंट स्टेशन पर बनने वाले आरओबी के लिए अगले माह टेंडर कॉल किए जाएंगे। शहर के बीचोंबीच गुजरने वाली नेरोगेज ट्रेन को फ्लाईओवर (पिल्लरों के सहारे) बाहर तक ले जाने के काम को नववर्ष पर मंजूरी मिल जाएगी। पुल बनने के बाद शहर में ट्रैफिक की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा और मार्ग पर गुजरने वाले लोगों को भी अब फाटक खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा शहर के बीचो-बीच से गुजरने वाली नैरोगेज ओर पठानकोट कैंट को जोड़ने वाली ब्राडगेज लाइन है। नैरोगेज सेक्शन पर शहर के बीचो-बीच छह फाटक पड़ते हैं जबकि, ब्राडगेज लाइन पर दो फाटक आते हैं। ट्रेन गुजरने से दस मिनट पहले फाटकों को बंद कर दिया जाता है जिसके बाद शहर दो हिस्सों में बंट जाता है। कैंट स्टेशन के फाटक पर बनने वाले आरओबी के लिए रेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है जिस पर 120 करोड़ रुपये खर्च आएंगे। अगले महीने इसके टेंडर कॉल किए जाएंगे और 21 दिनों के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा किया जाना है। जबकि, पठानकोट- जोगिद्रनगर नैरोगेज रेल सेक्शन को फलाईओवर ब्रिज (पिल्लरों के सहारे) शहर के बाहर उतारा जाएगा। उक्त प्रोजेक्ट पर 240 करोड़ रुपये खर्च आएंगे जिस पर फरवरी महीने टेंडरिग होने की उम्मीद है। रेलवे व पंजाब सरकार फिफटी-फिफटी योजना के तहत दोनों पुलों पर अपनी-अपनी शेयरिग देंगे। चौबीस घंटे में 94 बार बंद होते हैं फाटक

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देश के विभिन्न राज्यों से जम्मूतवी, उधमुपर व कटड़ा सहित पठानकोट से जालंधर के बीच रोजाना 80 ट्रेनें अप-डाउन करती हैं। हरेक बार ट्रेन गुजरने के पांच मिनट पहले फाटक बंद कर दिया जाता है। दिन में औसतन तीन से चार घंटा फाटक बंद ही रहता है। इसी प्रकार पठानकोट से जोगिद्रनगर नैरोगेज रेल सेक्शन पर गुजरने वाली 14 ट्रेनों के लिए 14 बार फाटक बंद किया जाता है। औसतन ट्रेन आने से करीब दस मिनट पहले फाटक बंद कर दिया जाता है। जिसके अनुसार सवा दो घंटा फाटक बंद रहने से यहां लोगों का कारोबार प्रभावित होता है, वहंी बच्चों को स्कूल, कालेज छोड़ने आए अभिभावकों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ती है। एलएचएस व आरओबी बना रखा जाएगा सबका ख्याल

रेल और राज्य सरकार के बीच पुल बनाने पर जो स्वीकृति बनी है उसमें आरओबी के नीचे एलएचएस (लो हाईट सर्विसेज सब वे) बनाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी और रेलवे की इंजीनियर टीम के पारित किए गए नक्शे के अनुसार वर्तमान में जिस स्थान पर कैंट स्टेशन का फाटक है, वहां पर नीचे एलएचएस बनाया जाएगा ताकि दुकानदारों का कामकाज प्रभावित न हो। इसके अलावा लोकल एरिया में जाने वालों के लिए भी यह काम करेगा। इसी के उपर करीब 150 फीट ऊंचाई पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण करवाया जाएगा जो सामने बने नेशनल हाईवे के फलाईओवर को टच करेगा। कॉलेज रोड ओर ढांगू रोड फाटक से रोजाना गुरजते हैं दो लाख से अधिक वाहन

आरओबी बनाने से पहले पीडब्ल्यूडी की देखरेख में प्राइवेट कंपिनयों ने सर्वे कर बताया कि कैंट स्टेशन फाटक से चौबीस घंटे में एक लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। वहीं शहर के सबसे व्यस्त ढांगू रोड रेलवे फाटक से भी रोजना एक लाख गुजरते हैं। इसमें से करीब सवा लाख वाहन चालकों को फाटक बंद होने के कारण रुकना पड़ता है।

कैंट स्टेशन के लिए अगले महीने लगाए जाएंगे 120 टेंडर : अमित विज

विधायक अमित ने कहा कि कैंट स्टेशन के लिए अगले माह 120 टेंडर लगना शुरू हो जाएंगे। एक महीने की प्रक्रिया के बाद नव वर्ष पर कैंट स्टेशन पर आरओबी बनाने का काम शुरु हो जाएगा।


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