कर्मियों पर दोहरी मार, मांगें पूरी हुई न मिला वेतन
न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों डीसी आफिस के मुलाजिमों का है। विजिलेंस की कार्रवाई के खिलाफ बीते 14 दिन से हड़ताल पर चल रहे डीसी आफिस के मुलाजिमों की न ही सरकार मांगें पूरी करने को लेकर कोई गंभीरता दिखा रही है
जागरण संवाददाता, पठानकोट
न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों डीसी आफिस के मुलाजिमों का है। विजिलेंस की कार्रवाई के खिलाफ बीते 14 दिन से हड़ताल पर चल रहे डीसी आफिस के मुलाजिमों की न ही सरकार मांगें पूरी करने को लेकर कोई गंभीरता दिखा रही है और न ही डीसी आफिस के कर्मचारियों को अभी तक नवंबर का वेतन ही मिल सका है।
इस संबंध में डीसी आफिस कर्मचारी यूनियन के महासचिव गुरदीप कुमार सफरी का कहना था कि सरकार की ओर से आइएचआरएमएस (इंडियन होल्डिग रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम) को बंद रखा गया है। ऐसा बीते करीब दस दिन से किया गया है। बिल बनाने वाली शाखा के स्टाफ सदस्यों का कहना था कि कर्मचारियों को उम्मीद थी कि नवंबर का वेतन उनको छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक मिलेगा, पर आइएचआरएमएस ठप पड़ा होने के कारण अब इसकी संभावना न के बराबर ही दिख रही है। फिलहाल मुलाजिमों को छठे वेतन आयोग (संशोधित) की सिफारिशों का लाभ नहीं मिल सका है।
खाली है सरकार का खजाना
डीसी आफिस के कर्मचारियों का कहना था कि मुख्यमंत्री चन्नी भले ही लाखों-करोड़ों रुपये की योजनाओं की आए दिन घोषणा कर रहे हैं, पर सच यह है कि सरकारी खजाने की स्थिति अच्छी नहीं है। इसस पहले भी सरकार द्वारा मई और सितंबर में आइएचआरएमएस को जानबूझकर ठप कर दिया गया था। उस दौरान भी मुलाजिमों को समय पर वेतन नहीं मिला था।
राजस्व मंत्री के आवश्वासन के बावजूद पूरी नहीं हो रही मांगें
वहीं, दूसरी ओर हड़ताल पर चल रहे मुलाजिमों को राजस्व मंत्री अरुणा चौधरी द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिए जाने के बावजूद सरकार की ओर से उनकी मांगों को पूरा करने के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई है। यहां तक कि तीन दिसंबर को भोआ विधानसभा हलका पहुंचे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने डीसी आफिस कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधिमंडल से मिलना भी जरूरी नहीं समझा था।
शुक्रवार तक बढ़ी हड़ताल
डीसी आफिस कर्मचारी यूनियन के महासचिव गुरदीप कुमार सफरी का कहना था कि सरकार के अड़ियल रवैये के चलते हड़ताल को शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दिया गया है।