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दिन में खिली धूप से बाजारों में आई रौनक, शाम को फिर बढ़ी ठिठुरन

दिसंबर माह में चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच वीरवार दोपहर का मौसम बदल गया। सुबह बारिश के बाद दोपहर को धूप खिलने से अधिकतम तापमान 4 डिग्री बढ़ गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 09:49 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 09:49 PM (IST)
दिन में खिली धूप से बाजारों में आई रौनक, शाम को फिर बढ़ी ठिठुरन
दिन में खिली धूप से बाजारों में आई रौनक, शाम को फिर बढ़ी ठिठुरन

भीष्म भनोट, पठानकोट : दिसंबर माह में चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच वीरवार दोपहर का मौसम बदल गया। सुबह बारिश के बाद दोपहर को धूप खिलने से अधिकतम तापमान 4 डिग्री बढ़ गया। बजारों में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। हालांकि शाम के तापमान में 2 डिग्री की गिरावट हुई है। शाम को सूर्यास्त के बाद फिर से मौसम में ठंडक बढ़ गई।

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बुधवार को रुक-रुक कर हुई बारिश किसानों व बागवानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है। इस बारिश के चलते खेतों में लगी 43 हजार हैक्टेयर गेहूं, 15 सौ हैक्टेयर विभिन्न सब्जियों व क्षेत्र में लगाए गए नए बागों को पानी लगाने की जरूरत नहीं पड़ी। वहीं दूसरी तरफ बागवानी विभाग की तरफ से इनदिनों जिला में लगाए गए लीची, आम, किन्नू, मालटा, नींबू के 110 हेक्टेयर नए बागों के लिए फायदेमंद है।

आने वाले दिनों में बढ़ेगा धुंध का कहर

मौसम विभाग के अनुसार अगले पांच दिन मौसम मिलाजुला रहेगा। सुबह व देर शाम को धुंध रहने के आसार बने हुए हैं। ऐसे में ठंड का असर बढ़ेगा। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण मैदानी क्षेत्रों में लगातार ठंड बढ़ रही है। वीरवार का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आने वाले दिनों धुंध में इजाफा होगा जिससे वाहन चालकों को परेशानी उठानी पढ़ सकती है।

बागों, गेहूं व सब्जियों के लिए फायदेमंद है बारिश

बागवानी विभाग के बागवानी विकास अधिकारी डॉ. शम्मी के अनुसार विभाग की तरफ से इनदिनों पठानकोट, सुंदर चक्क, सुजानपुर, नरोट, बमियाल, धार, दुनेरा में 110 हेक्टेयर रकबे में लीची, आम, किन्नू, मालटा व नींबू के नए बाग लगाए गए हैं जिनके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है। इस बारिश का सबसे ज्यादा फायदा कंडी क्षेत्र धार कलां, घियाला, हरियाल में लगे बागों को हो रहा है। वहीं, ब्लॉक कृषि अधिकारी डॉ. अमरीक ¨सह के अनुसार दिसंबर माह की यह बारिश जिला में लगी 43 हजार हेक्टेयर गेहूं व 1500 हेक्टेयर में लगी मटर, मूली, गाजर, शलगम, टमाटर, साग, पालक, मेथी, धनिया आदि फसलों के लिए फायदेमंद है। किसानों को खेतों में लगी फसल को पानी लगाने की जरूरत नहीं पड़ी।


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