फाटकों की झंझट से निजात दिलाएगा रेलवे ओवरब्रिज
शहर के सबसे व्यस्त कॉलेज रोड पर आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) का निर्माण किया जाएगा।
विनोद कुमार, पठानकोट : शहर के सबसे व्यस्त कॉलेज रोड पर आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) का निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार से भेजे प्रोजेक्ट को रेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। करीब 100 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले आरओबी व एलएचएस (लो हाइट सर्विसेज सब-वे) पर केंद्र और राज्य सरकार आधा-आधा खर्च वहन करेगी। इतना ही नहीं दोनों की ओर से प्रोजेक्ट के लिए फंड जारी करने की बात भी कही है। अगले महीने पुल बनाने के लिए टेंडर काल की जाएगी और दिसंबर में इस पर निर्माण भी शुरू हो जाएगा। पुल बनने के बाद शहर में ट्रैफिक की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा और लोगों को भी फाटक खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कॉलेज रोड पर रोजाना गुजरते हैं एक लाख से अधिक वाहन
आरओबी बनाने से पहले पीडब्ल्यूडी की देखरेख में प्राइवेट कंपनियों की ओर से करवाए गए सर्वे के अनुसार चौबीस घंटे में रोड पर एक लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं, इसमें से करीब 70 हजार के करीब वाहन चालकों को फाटक बंद होने के कारण रुकना पड़ा। रिपोर्ट के बाद रेलवे ने भी स्थानीय विधायक की ओर से आरओबी बनाने के प्रोजेक्ट पर जांच करने के बाद अपने स्तर पर सर्वे करवाया। पहले नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने और अब रेलवे ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। 24 घंटे में 80 बार बंद होता है फाटक
जम्मूतवी, उधमपुर व कटड़ा सहित पठानकोट से जालंधर के बीच रोजाना 80 ट्रेनें अप-डाउन करती हैं। हरेक बार ट्रेन गुजरने के पांच मिनट पहले फाटक बंद कर दिया जाता है। दिन में तीन से चार घंटे फाटक बंद रहने के कारण लोगों का कारोबार प्रभावित होता है। बच्चों को स्कूल, कॉलेज छोड़ने आए अभिभावकों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। सिटी की बजाय लंबी दूरी की सभी ट्रेनें कैंट स्टेशन पर होने से कई बार सगे संबंधियों को छोड़ने आए लोगों की गाड़ी भी छूट जाती है। ज्वाली निवासी एसएस पटियाला ने बताया कि पिछले महीने वह अपने भाई को छोड़ने आया था तो फाटक बंद हो गया। इतनी देर में स्वराज सुपरफास्ट आ गई। मैंने अपने भाई को उतारा और ट्रेन पकड़ने के लिए कहा, लेकिन जब तक वह प्लेटफार्म पर पहुंचता ट्रेन निकल चुकी थी। नीचे से गुजरें तो आरपीएफ करती है चालान
सब्जी का कारोबार करने वाले सचिन, कुलदीप सिंह, चार मरला में काम करने वाले जरनैल सिंह पप्पी, काली माता मंदिर रोड पर कारोबार करने वाले दुकानदार सुनील कुमार का कहना है कि अकसर दिन में कैंट स्टेशन का फाटक बंद रहता है। फाटक बंद होने के कारण लोगों को एक बार में ही कम से कम पंद्रह-बीस मिनट वहां रुकना पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति फाटक के नीचे से दोपहिया वाहन निकालने की कोशिश करता है तो आरपीएफ के जवान उसका चालान काट देते हैं। इतना ही नहीं कई बार तो कोर्ट के इतने ज्यादा चक्कर लगते हैं कि लोग परेशान हो जाते हैं। ओवरब्रिज बनने के बाद शहरवासियों के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोगों को भी बहुत राहत मिलेगी। एलएचएस और आरओबी बना रखा जाएगा सबका ख्याल
रेल और राज्य सरकार के बीच पुल बनाने पर जो स्वीकृति बनी है उसमें आरओबी के नीचे एलएचएस (लो हाइट सर्विसेज सब-वे) बनाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी और रेलवे की इंजीनियर टीम की ओर से पारित किए गए नक्शे के अनुसार जिस जगह कैंट स्टेशन का फाटक है, वहां पर नीचे एलएचएस बनाया जाएगा, ताकि वहां पर काम करने वाले दुकानदारों का कामकाज प्रभावित न हो। इसी के उपर करीब 150 फीट ऊंचाई पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण करवाया जाएगा, जो सामने बने नेशनल हाईवे के फ्लाईओवर को टच करेगा। इससे पठानकोट से जालंधर, जम्मू व कैंट स्टेशन पर बाहर से आने वाले यात्री बिना जाम में फंसे आसानी से आ-जा सकेंगे।
डेढ़ साल में पूरा हो जाएगा प्रोजेक्ट, दिसंबर से शुरू होगा काम : अमित विज
विधायक अमित विज का कहना है कि अपने चुनावी वादे में उन्होंने पठानकोट की जनता से वायदा किया था कि वह चिर लंबित कैंट स्टेशन के फाटक की समस्या का समाधान करवाएंगे। इसके लिए वह दो साल से प्रयासरत हैं, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व सासंद सुनील जाखड़ ने उनका सहयोग किया। साथ ही एनएच, पीडब्ल्यूडी सहित जिला के प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मदद की। आरओबी व एलएचएस के लिए रेलवे व पंजाब सरकार में स्वीकृति हो चुकी है। दोनों इस पर आधी-आधी राशि खर्च करेंगे। उम्मीद है कि दीवाली तक इसका टेंडर काल हो जाएगा और दिसंबर में इस पर काम भी शुरू हो जाएगा। करीब डेढ़ साल में प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा, जिसके बाद भविष्य में कॉलेज रोड पर जाने वालों को कभी भी फाटक बंद की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।