निजीकरण के विरोध में केंद्र सरकार पर भड़के रेल कर्मचारी
केंद्र सरकार रेलवे के निजीकरण व निगमीकरण पर ज्यादा फोकस कर रही है। इसको लेकर रेलवे कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : केंद्र सरकार रेलवे के निजीकरण व निगमीकरण पर ज्यादा फोकस कर रही है। इसको लेकर रेलवे कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है। कर्मचारी यूनियन किसी भी हालत में इसे आगे बढ़ने नहीं देंगे। यह बात यूआरएमयू के शाखा सचिव मंगत राम सैनी ने बिजली ब्रांच की और से की गई गेट मीटिग के दौरान कही। शाखा अध्यक्ष हरजिद्र कुमार के नेतृत्व में आयोजित मीटिग के दौरान उपस्थित सदस्यों ने फिजिकल डिस्टेंसिग की पालना करते मीटिंग की। सचिव मंगत राम सैनी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान रेलवे कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने फर्ज को पूरी निष्ठा से निभाया है। केंद्र सरकार रेलवे के निगमीकरण व निजीकरण को बढ़ावा तो दे रही है परंतु इस अवधि दौरान न तो कोई फर्म कार्य करने में आगे आया ओर न ही कोई ठेकेदार। रेलवे का एक-एक कर्मचारी गाड़ियों का संचालन न होने के बावजूद भी अपनी ड्यूटी को दिन-रात्रि निभा रहा है। लेकिन, केंद्र सरकार आए दिन कोई न कोई कर्मचारी विरोधी फैसला सुना देती है। केंद्र सरकार को सारी बातें समझनी चाहिए और आगे कोई भी कानून लाने से पहले कर्मचारियों का ध्यान रखना चाहिए। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार ने यदि कर्मचारी विरोधी फैसलों को बंद न किया तो रेलवे कर्मचारी संघर्ष करने के लिए मजबूर हो जाएंगे जिसकी सारी जिम्मेवारी रेल प्रशासन और केंद्र सरकार की होगी। इस मौके पर ब्रांच कैशियर शैलेंद्र कुमार, वाइस प्रधान अकाश चंद्रा, श्री नारायण, किरण बाला, प्रफुल कुमार, अक्षय कुमार सहित अन्य भी थे।