Move to Jagran APP

नगर निगम बनने के तीन साल बाद भी पठानकोट में पार्किग की सुविधा नहीं

विनोद कुमार/पंकज राय, पठानकोट : नगर कौंसिल से निगम बनने के तीन साल बाद भी शहर को पार्किंग की सुविधा

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 10:21 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 10:21 PM (IST)
नगर निगम बनने के तीन साल बाद भी पठानकोट में पार्किग की सुविधा नहीं
नगर निगम बनने के तीन साल बाद भी पठानकोट में पार्किग की सुविधा नहीं

विनोद कुमार/पंकज राय, पठानकोट : नगर कौंसिल से निगम बनने के तीन साल बाद भी शहर को पार्किंग की सुविधा नहीं मिल सकी है। सबसे ज्यादा विकराल स्थिति शहर की लाइफलाइन कहे जाने वाले प्रमुख एपीके रोड की है। एपीके रोड पर वेटरनरी अस्पताल की पुरानी इमारत को पार्किंग स्लॉट बना रहे नगर निगम ने हलकी सी तोड़-फोड़ करके काम अधर में छोड़ दिया है। आलम यह है कि 40 के पार जा चुके तापमान में लोग पार्किग प्लेस ढूंढने के लिए जद्दोजहद करते दिखाई देते हैं।

loksabha election banner

बता दें कि शहर के मुख्य बाजारों और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों को जोड़ने वाला एपीके रोड अवैध पार्किंग का दंश सालों से झेल रहा है। रोड पर नगर निगम की ओर से वेटरनरी अस्पताल की पुरानी बि¨ल्डग को पार्किंग स्लॉट बनाने का काम तो शुरू किया गया, लेकिन यह अधर में ही लटका है। मई महीने की शुरुआत में ही इसे सही प्रकार से पार्किंग स्लॉट बनाकर चलाने का दावा करने वाला निगम इसे मई माह बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं कर पाया है। साल 2015 में नगर कौंसिल से नगर निगम बनने के बाद भी शहर को सरकारी पार्किंग सुविधा नहीं मिल सकी है। ऐसे में लोग सड़कों पर वाहन खड़े करने को मजबूर हैं। इन वाहनों की तादाद इतनी बढ़ गई है कि सड़कों के दोनों तरफ प्रशासन द्वारा खींची गईं पीली रेखा की भी इतनी क्षमता नहीं है कि वह इन वाहनों को समेट सके। पीली रेखा में भी जगह न मिलने के बाद अधिकतर वाहन चालक अवैध रूप से ही वाहन पार्क कर देते हैं।

दो सौ से अधिक वाहन समेटेगा वेटरनरी अस्पताल

वेटनरी अस्पताल की पुरानी बि¨ल्डग को पार्किंग के रूप में तैयार किया जा रहा है। शहर के बीच होने से यह लोकेशन काफी सही है। यहां पर गाड़ी पार्क करके लोग मेन बाजार तक पैदल भी आ-जा सकते हैं। नगर निगम के अनुसार इस पार्किंग स्लॉट की क्षमता दो सौ से अधिक चौपहिया वाहनों को पार्क करने की होगी।

डेढ़ महीना बीता, नई पार्किग पॉलिसी पर चर्चा तक नहीं

प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के लिए पंजाब सरकार द्वारा नई तैयार की गई पार्किंग पॉलिसी पर डेढ़ महीने बाद भी नगर निगम में कोई चर्चा नहीं हुई है। प्रदेश के समूह नगर निगमों को यह पार्किंग पॉलिसी का ड्राफ्ट पंजाब सरकार ने अप्रैल महीने में भेज दिया था। प्रदेश के कई नगर निगमों में इस पार्किंग पॉलिसी को लागू करने के लिए योजनाएं भी बन गई हैं। लेकिन नगर निगम पठानकोट डेढ़ महीने बाद भी इसपर चर्चा तक नहीं हुई है। एक्सईएन सतीश सैनी ने बताया कि पार्किंग पॉलिसी को लेकर कोई बैठक अभी चर्चा के लिए नहीं हुई है।

अनाधिकारिक तौर पर प्रयोग करे पुलिस : एक्सईएन

नगर निगम के एक्सईएन सतीश सैनी ने कहा कि वेटरनरी अस्पताल की पुरानी बि¨ल्डग को थोड़ा-बहुत समतल कर पार्किंग के लिए काफी जगह बना दी गई है। ट्रैफिक पुलिस अनाधिकारिक तौर पर इस स्लॉट को प्रयोग कर सकती है। आधिकारिक तौर पर पार्किग शुरू होने में समय लग सकता है।

व्यवस्थित होना चाहिए पार्किंग स्लॉट : डीएसपी

डीएसपी ट्रैफिक रंजीत ¨सह ने कहा कि नगर निगम द्वारा बनाया जा रहा पार्किंग स्लॉट पूरी तरह से तैयार करने के बाद ही ट्रैफिक पुलिस को आधिकारिक तौर पर सौंपा जाना चाहिए। स्लॉट में पार्किंग मैनेजमेंट के लिए एक कर्मचारी होना चाहिए जो वाहनों की देखरेख भी कर सके। पुलिस भी अपना एक कर्मी वहां लगा देगी। लेकिन अब तक निगम ने आधिकारिक तौर पर ट्रैफिक पुलिस को इस बारे नहीं लिखा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.