पठानकाेट हमला : मुख्य सेवादार का खुलासा, उस दिन पहली बार दरगाह आए थे एसपी
एसपी सलविंदर सिंह की दरगाह जाने की कहानी भी शक के घेरे में है। दरगाह के मुख्य सेवादार ने खुलासा किया है कि वह 31 दिसंबर को पहली बार दरगाह आए थे। वह रात में वहां गए थे और उस दिन सुबह राजेश वर्मा व कुक बेवजह दरगाह गए थे।
पठानकोट, [हरिश्चंद्र]। पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर हमला करने वाले आंतकियों द्वारा अगवा किए गए एसपी सलविंदर सिंह की कहानी शक के घेरे में हैं। एसपी उस रात पहली बार तरुर गांव स्थित दरगाह पर गए थे, जबकि अब तक वह वहां अक्सर जाने की बात कर रहे थे। इससे अहम बात है उसी दिन उसका कुक व दोस्त राजेश वर्मा सुबह बेवजह दरगाह पर गए थे। यह खुलासा दरगाह के मुख्य सेवादार ने किया है।
एनआइए की टीम पहुंची दरगाह, मुख्य सेवादार से तीन दिनों से कर रही है पूछताछ
दूसरी ओर, एनआइए की टीम दरगाह पर भी पहुंची है अौर वह तीन दिनों से वहां के मुख्यसेवादार से पूछताछ कर रही है। बार्डर के नरोट जैमल सिंह थाने में उसे पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। उससे उस दिन के दरगाह व आसपास के क्षेत्र के घटनाक्रम के बारे में पूछा जा रहा है।
वह दरगाह जहां एसपी सलविंदर सिंह 31 दिसंबर की रात अपने साथी व कुक के साथ गए थे।
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रात में एसपी के दरगाह जाने से पहले सुबह राजेश व कुक बेवजह गए थे वहां
भारत पाक सीमा से महज दस किलोमीटर दूर पर स्थित इस दरगाह के मुख्य सेवादार सोमराज ने बुधवार को बताया कि 31 दिसंबर की रात को एसपी पहली बार दरगाह पर आए थे। सोमराज ने एक चौंकाने वाली बात बताई कि एसपी का दोस्त ज्वेलर्स राजेश वर्मा और कुक मदन गोपाल 31 दिसंबर की सुबह साढे आठ बजे दरगाह पर आए थे और वह भी बिना किसी काम के।
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दरगाह देर तक खोले रखने के लिए एसपी सलविंदर ने किया था फोन
उसने बताया कि उसी रात साढ़े आठ बजे एसपी का पहली बार सोमराज को फोन आया कि वह दरगाह बंद न करे वे माथा टेकेने आ रहे हैं। वह साढ़े उस समय दरगाह बंद कर देता है। एसपी नौ बजे वहां पहुंचे और साढ़े नौ बजे वे चादर चढ़ा कर चले गए।
खास बात यह है कि उसी दिन पंजाब पुलिस ने अलर्ट जारी किया था फिर भी एसपी करीब दो घंटे में 50 किलोमीटर से अधिक दूरी का सफर तय कर इस सुनसान व खतरनाक जगह पर बिना किसी गनमैन व हथियार के पहुंचे। एसपी इस पर लाख सफाई के बावजूद शक पैदा कर रहा है ।
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एक और अहम बात है कि जहां पर इनको बंधक बनाया गया था दरगाह से वहां आने में करीब एक घंटे का समय समय लगता है। एेसे में यदि एसपी दरगाह से साढ़े नौ बजे चले तो उन्हें अपहरण वाली जगह पर साढ़े 10 बजे के अासपास पहुंचना चाहिए था। लेकिन, एसपी और उनके साथियों का कहना है कि उन्हें साढ़े 11 बजे से 12 बजे के बीच अगवा किया गया। तो, सवाल उठता है कि वे इस दौरान एक घंटे कहां रहे।
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