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डेढ़ घंटे के सरकारी अस्पताल में आएगा निजी चिकित्सक

सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा आम लोगों को नहीं मिल पाएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 05:24 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 06:29 AM (IST)
डेढ़ घंटे के सरकारी अस्पताल में आएगा निजी चिकित्सक
डेढ़ घंटे के सरकारी अस्पताल में आएगा निजी चिकित्सक

वीरेन पराशर, पठानकोट : सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा आम लोगों को नहीं मिल पाएगी। रोजाना केवल छह गर्भवती महिलाओं के लिए ही अल्ट्रासाउंड होंगे जबकि अन्य दूसरे मरीजों को बाहर के क्लीनिक में महंगे दामों में अल्ट्रासाउंड करवाने होंगे। सेहत महकमे ने अस्पताल में स्थायी रेडियोलॉजिस्ट के पदों को नहीं भरा है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन को एक बार फिर निजी चिकित्सकों की सेवाएं लेनी पड़ी हैं। इसके लिए 19 निजी चिकित्सकों के साथ अस्पताल प्रशासन का करार हुआ है। इसके लिए चिकित्सकों का रोस्टर भी जारी कर दिया गया है लेकिन आम लोगों के लिए परेशानी की बात यह है कि निजी चिकित्सक रोजाना केवल डेढ़ घंटा ही अपनी सेवाएं देंगे। अस्पताल में केवल गर्भवती महिलाओं के ही अल्ट्रासाउंड किए जाएंगे। इसके लिए भी रोजाना की छह मरीजों की संख्या निर्धारित कर दी है। इसके अलावा अन्य कोई भी मरीज अस्पताल की अल्ट्रासाउंड की सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएगा। ऐसे में आम लोगों की दिक्कतें अभी भी कम नहीं हुई है जबकि निजी चिकित्सक के साथ करार में अल्ट्रासाउंड का समय सुबह नौ से 10:30 बजे तय किया गया है। इस अवधि में चिकित्सक आएगा और छह मरीजों की जांच करेगा। प्रशासन केस के हिसाब से करेगा चिकित्सकों को भुगतान

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फिलहाल सेहत महकमे की तरफ से गर्भवती महिलाओं को यह सुविधा निशुल्क प्रदान करता है। जबकि, पहले दूसरे मरीजों को भी कम दरों में अल्ट्रासाउंड अस्पताल में हो जाते थे। करार के मुताबिक अस्पताल प्रशासन निजी चिकित्सकों को केस के हिसाब से राशि का भुगतान करेगा। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था सुचारू चले, इसके लिए चिकित्सकों का रोस्टर अगस्त माह के पहले सप्ताह तक तय कर दिया गया है। 700 से 1000 रुपये तक बाहर खर्च कर रहे मरीज

सबसे अधिक परेशानी आम मरीजों के लिए हैं, जिन्हें अल्ट्रासाउंड बाहर करवाने के लिए सात सौ से एक हजार रूपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने इस असुविधा को समझते हुए निजी चिकित्सकों की सेवाएं लेकर राहत देने का प्रयास किया है पर सेहत महकमा पठानकोट के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है। इससे पूर्व अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट ने अपना करार पूरा करने के बाद आगे सेवाएं देने से इंकार कर दिया था। स्थायी रेडियोलॉजिस्ट का पद भरे जाने तक निजी चिकित्सकों को लेंगे सेवाएं : एसएमओ

अस्पताल के एसएमओ डॉ भूपिद्र सिंह का कहना है कि अल्ट्रासाउंड के लिए निजी चिकित्सकों की सेवाएं ली जा रही हैं। प्रत्येक दिन रोस्टर के हिसाब से अस्प्ताल में आकर अल्ट्रासाउंड करेंगे जब तक स्थायी रेडियोलॉजिस्ट का पद नहीं भरा जाता, इस अवधि में सेवाएं इस तरह से चालू रखी जाएंगी।


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