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पावरकॉम व एक्साइज विभाग ने दो साल से नहीं दिए गोसेवा के 95 लाख रुपये

पावरकॉम व एक्साइज विभाग ने गोसेवा के रूप में जमा करवाए जाने वाला टैक्स दो वर्षों से दबाया हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 10:48 PM (IST)
पावरकॉम व एक्साइज विभाग ने दो साल से नहीं दिए गोसेवा के 95 लाख रुपये
पावरकॉम व एक्साइज विभाग ने दो साल से नहीं दिए गोसेवा के 95 लाख रुपये

विनोद कुमार, पठानकोट : पावरकॉम व एक्साइज विभाग ने गोसेवा के रूप में जमा करवाए जाने वाला टैक्स दो वर्षों से दबाया हुआ है। निगम के खाते में फंड न आने के कारण यहां शहर में चल रही दो गोशाला में पशुओं को पर्यापत मात्रा में चारा नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं डेयरीवाल में चल रही गोशाला को चलाने में यदि गोसेवा संगठन शहर के दानी सज्जनों से सहायता लेकर पशुओं को चारा न खिलाए तो यह समस्या विकराल हो जाएगी। पशुओं को समय पर चारा मिलना मुश्किल हो जाएगा ओर वह दम तोड़ना शुरू कर देंगे।

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नगर निगम की हेल्थ ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि पावरकॉम ने दिसंबर 2017 के बाद इकट्ठा किया गोसेवा का एक भी पैसा निगम को ट्रांसफर नहीं किया है। उक्त राशि करीब 50 लाख रुपये बनती है। इसी प्रकार एक्साइज विभाग ने भी 2018-19 का फंड भी रोका हुआ है जो 45 लाख के करीब बनता है। उक्त दोनों विभागों से फंड न आने के कारण निगम चाहते हुए भी डेयरीवाल स्थित गौशाला को पर्याप्त मात्रा में फंड नहीं भेज पा रहा। इससे पहले निगम प्रत्येक माह डेयरीवाल गौशाला को प्रत्येक माह नौ लाख रुपये चारे के लिए जारी करता था, जो पिछले दो वर्षों से सात लाख रुपये ही जारी किए हैं। हर घर आता है गोसेवा के दायरे में

राज्य सरकार की और से शहरी आबादी में लगाए गए गो सेस का बोझ प्रत्येक घर पर पड़ा रहा है। नोटिफिकेशन के मुताबकि प्रत्येक उपभोक्ता को बिजली की खपत के अनुसार ही टैक्स देना पड़ रहा है। मध्य और उच्च वर्ग के लोगों पर इसका बोझ ज्यादा पड़ रहा है। औसतन मध्यवर्गीय परिवार को 100 से 150 और उच्च श्रेणी परिवारों 500 से 700 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है।

शहर में हैं दो गोशालाएं

वर्तमान में शहर के अंदर गोपालधाम व डेयरीवाल स्थित गोशाला हैं। गोपाल धाम में तीन सौ के करीब गाय हैं और डेयरीवाल स्थित गौशाला में 550 पशु है। निगम और जिला प्रशासन की और से डेयरीवाल में चल रही गोशाला को आर्थिक तौर पर थोड़ी बहुत सहायता दी जा रही है, जबकि गोपाल धाम गोशाला अपने स्तर पर शहर के दानी सज्जनों से पशुओं की देखभाल कर रही है। इसी प्रकार डेयरीवाल में गोसेवा संगठन के बैनर तले शहर के दानी सज्जन सहायता देते हैं।

सड़क हादसे का कारण बनते हैं बेसहारा पशु

बेसहारा पशुओं के लिए प्रशासन की ओर से पर्याप्त मात्रा में सुविधाएं मुहैया न करवाए जाने की वजह से आज भी शहर के अधिकतर बाजारों में बेसहारा पशु घूमते देखे जा सकते हैं। मेन चौक सहित मेन बाजार में भी यह घूमते हैं। बेसहारा पशुओं के कारण एक शहर के ढांगू रोड़ एरिया मे एक बुजुर्ग की मौत हो चुकी है जबकि 40 से अधिक लोग पशुओं की घटना का शिकार हो चुके हैं।

वाहनों पर भी लगता है गोसेस

राज्य सरकार की और से जुलाई 2016 में जारी नोटिफिकेशन के बाद शहरी आबादी के प्रत्येक उपभोक्ताओं को कैटागिरी वाइस इस प्रकार टैक्स लग रहा है। जारी नोटिफिकेशन के बाद प्रत्येक उपभोक्ता को बिजली पर दो पैसे प्रति यूनिट के हिसास से काऊ सेस लिया जा रहा है। चार पहिया वाहन पर 1000 रुपये व दो पहिया वाहनों पर 500 रुपये, एसी पैलेस पर प्रति समारोह एक हजार रुपये, नान एसी मैरिज पैलेस पर 500 रुपये व ट्रकों पर प्रति फेरा 100 रुपये। इसी प्रकार अंग्रेजी शराब की प्रति बोतल दस रुपये, बियर और देसी शराब की बोतल पर पांच-पांच रुपये सेस के रुप में देने पडेंगे।

उच्च अधिकारियों का है मामला : एक्सईएन गगनदीप भास्कर

पावरकॉम सिटी डिवीजन के एक्सईएन गगनदीप भास्कर ने कहा कि गोसेवा लोकल स्तर पर ट्रांसफर नहीं होता। पावरकॉम मुख्यालय की ओर से पैसे सीधे निकाय विभाग के खाते में जमा करवाए जाते हैं। यह दो विभागों की हायर अथॉरिटी का मामला है, इसलिए वह इस मसले पर ज्यादा नहीं कह सकते।

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डीसी साब को स्थिती संबंधी अवगत करवाया है: ईटीओ

एक्साईज विभाग की ईटीओ अनीता गुलेरिया ने कहा कि जब तक ठेकेदार गोसेवा की फीस नहीं भरता उसे परमिट जारी नहीं किया जाता। इस संबंधी विभाग की ओर से फंड लिया जा रहा है जिसे आगे फाइनेंस सेक्रेटरी की ओर से निगम को ट्रांसफर किया जाना होता है। इस संबंधी बीते दिनों डीसी पठानकोट को अवगत करवा दिया गया है।

डायरेक्टर लोकल बॉडी को लिखेंगे पत्र : मेयर

निगम मेयर अनिल वासुदेवा ने कहा कि पावरकॉम ने चार और एक्साइज ने दो वर्षों से गोसेवा निगम के खाते में ट्रांसफर नहीं किया है। इस हफ्ते डायरेक्टर निकाय विभाग को पत्र लिख कर गोसेवा कर न आने के कारण गोशाला को फंड भेजने में पेश आ रही समस्याओं के बारे में अवगत करवाएंगे। गोसेवा आने के बाद गोशाला को बनता फंड जारी किया जाएगा।


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