परिवारों की नजदीकियों में आई सियासी दूरियां
टिकट की घोषणा होने के बाद सुनील जाखड़ पहली बार सात अप्रैल को पठानकोट में कांग्रेस नेता विकास महाजन के घर आए थे।
जासं, पठानकोट : टिकट की घोषणा होने के बाद सुनील जाखड़ पहली बार सात अप्रैल को पठानकोट में कांग्रेस नेता विकास महाजन के घर आए थे। नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलना जुलना हो रहा था, बातों - बातों में निजी संबंधों की बात चली। जिस पर सुनील जाखड़ की जुबां पर सिनेस्टार धर्मेंद्र का नाम आ गया। उनके पिता बलराम जाखड़ के गहरा स्नेह होने के चलते धर्मेंद्र का उनके खिलाफ चुनाव न लड़ने की मिसाल को वह कार्यकर्ताओं से साझा किया और जी भरकर तारीफ की। पर बाद में समय ने ऐसी करवट ली कि न सोचने वाला किस्सा घटित हो गया। इसके दो सप्ताह बाद ही अचानक सनी देयोल की एंट्री भाजपा में होते ही गुरदासपुर से उम्मीदवार तय हो गए। इस बात से जितनी सोच में जनता थी उससे अधिक सुनील जाखड़ थे, क्योंकि जिस परिवार के साथ मधुर संबंधों का जिक्र वह कार्यकर्ताओं से कर रहे थे, उनके सामने ही वह रिश्ते विरोधी के रूप में सामने आ गए। प्रतिद्वंद्वी के रूप में सनी देयोल के होने की बात ख्वाब में भी सोची नहीं थी। नामांकन के बाद दोनों परिवारों के रिश्ते का स्नेह राजनीति में भी झलका। लेकिन जैसे -जैसे प्रचार तेज हुआ तो उन पर विरोधी दलों की भावनाएं हावी होती गईं। कांग्रेस ने सनी देयोल की फिल्मी इमेज होने और राजनीति से अनभिज्ञ होने के मुद्दे को खूब उछाला। कांग्रेस के इस प्रचार में सुनील जाखड़ ने भी प्रतिद्वंद्वी के रूप में भाजपा उम्मीदवार की कमियों को प्रचार में जाहिर किया। दूसरी ओर सनी देयोल ने अपने प्रचार में कांग्रेस को कोसने के साथ ही सुनील जाखड़ पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से बचे रहे। लेकिन मामला धर्म के आने पर गर्माया। सनी के पिता और अभिनेता धर्मेंद्र भी गुरदासपुर में प्रचार के लिए उतरे। सनी को लेकर कांग्रेस और सुनील जाखड़ की टिप्पणियों पर धर्मेंद्र खूब गर्म हुए। हालांकि, पहले वह अपने प्रचार में यह कहते रहे कि अगर उन्हें ज्ञात होता कि सुनील जाखड़ कांग्रेस के उम्मीदवार हैं तो सनी को यहां से लड़ने से रोकते। पर कांग्रेस उम्मीदवार के प्रचार को देखते हुए धर्मेंद्र भी पुराने संबंधों को भूल गए। वह शेर की पूंछ पर पांव रखने पर जोरदार जवाब देने वाली मिसाल भी देने लगे। साथ ही सुनील जाखड़ को उन्होंने बातों - बातों में डांट देने में कंजूसी नहीं बरती।
एक माह पहले तक जाखड़ और सनी के परिवार में था गहरा संबंध
करीब एक माह पहले तक जाखड़ व देओल परिवार में गहरे संबंध हुआ करते थे। लेकिन, दोनों परिवारों से प्रत्याशी चुनाव मैदान में आमने-सामने होने की वजह से खटास बढ़ गई। अब मुकाबला चुनावी है तो जीत के लिए दोनों परिवार एक दूसरे पर लगा रहे आरोप - प्रत्यारोप लगाने से चूक नहीं रहे हैं। अब यह राजनीति ही ऐसी है कि एक परिवार के सदस्यों को बांट सकती है तो जाखड़ व देयोल परिवार भी इससे नहीं बच सके। अब चुनाव को एक दिन का समय शेष बचा है, ऐसे में परिणाम भी पांच दिनों बाद आ जाएगा। देखना होगा कि दोनों परिवारों के बीच बढ़ी दूरियां समय के साथ कम होती हैं या फिर राजनीति इन्हें और भी गहरा करती है।