वायरल फीवर को कोरोना वायरस समझ रहे लोग
ोरोना वायरस की दहशत और मौसम में आए बदलाव के साथ जिला पठानकोटन में वायरल फीवर के मामले बढ़ने लगे हैं।
भीष्म भनोट, मलिकपुर : कोरोना वायरस की दहशत और मौसम में आए बदलाव के साथ जिला पठानकोटन में वायरल फीवर के मामले बढ़ने लगे हैं। बच्चों से लेकर बड़े भी वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। सिविल अस्पताल में हर रोज बुखार, जुकाम व खांसी से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार बीते एक सप्ताह से ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हुई है। अब अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी की स्थिति 550-600 से बढ़कर 650-700 पहुंच गई है। हालांकि इस से डरने की जरूरत नहीं है लेकिन, भयभीत लोग वायरल फीवर को कोरोना वायरस समझ रहे हैं और डॉक्टरों से पूछ रहे हैं कि कहीं उन्हें कोरोना वायरस तो नहीं हो गया? ऐसे होता है वायरल फीवर
मौसम बदलाव से वायरल फीवर के मामले बढ़ जाते हैं। इस मौसम में सर्दी, जुकाम, नाक बंद होने, खांसी व गले में इंफेक्शन जैसी समस्या होती है। तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर का इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर हो जाती है। इसे नजरअंदाज करने पर अवस्था गंभीर हो सकती है। ऐसे मौसम में छोटे बच्चों व बुजुर्गो के लिए ज्यादा खतरा रहता है इसलिए उनका विशेष ध्यान रखें।
वायरल फीवर के लक्षण
सर्दी, जुकाम, बुखार, गले में दर्द, खांसी, सिरदर्द, लंबे समय तक बुखार, मांसपेशियों या शरीर में दर्द होना, आंखों में लाली और जलन होना आदि वायरल फीवर के लक्षण हैं।
ऐसे करें बचाव
-इस बदलते मौसम में सुबह-शाम सेहत का खास ध्यान रखें।
-एकदम से गर्म कपड़े पहनना बंद न करें।
पौष्टिक आहार खाएं।
-छींकते या खांसते समय मुंह व नाक पर रूमाल रखें।
घर में किसी को जुकाम या बुखार हो तो ुनसे दूरी बनाए रखें।
-वायरल फीवर होने पर आराम करें।
-बुखार होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
60 से 70 फीसद मरीज बुखार से ग्रस्त : एसएमओ
सिविल अस्पताल पठानकोट के एसएमओ डॉ. भूपिद्र सिंह ने कहा कि इस बदलते मौसम में वायरल फीवर होने का खतरा रहता है। अस्पताल में हर रोज 60 से 70 फीसद मरीज वायरल फीवर से ग्रस्त पहुंच रहे हैं। इस मौसम में एकदम से गर्म कपड़े पहनना न छोड़ें। कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता रखें।