पुलिस इमरजेंसी कॉल्स से परेशान, अस्पताल का तर्क ये ड्यूटी है
कॉल्स को लेकर पठानकोट के सिविल अस्पताल और पुलिस आमने - सामने आ गई है।
संवाद सहयोगी, पठानकोट
कॉल्स को लेकर पठानकोट के सिविल अस्पताल और पुलिस आमने - सामने आ गई है। पुलिस को एतराज है कि अस्प्ताल की इमरजेंसी की कॉल्स उन्हें बेवजह परेशान कर रही हैं। जबकि अस्पताल प्रबंधन ने तर्क दिया है कि जिन मामलों में पुलिस जरूरी होगी, उनमें बुलाया जाएगा। मामला इतना बढ़ गया तो पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से शिकायत की। जिसमें पुलिस का कहना है कि वीरवार की दोपहर को सिविल की इमरजेंसी नंबर से पुलिस कंट्रोल रूम कॉल आई कि अस्पताल में दो गुटों के बीच झगड़ा हो गया है। ऐसी कॉल मिलते ही पुलिस के दो जवान जैसे ही इमरजेंसी पहुंचे यहां ऐसी कोई बात उन्हें नहीं दिखी, मौके पर न तो एमरजेंसी स्टाफ और ना ही अस्पताल में स्थापित पुलिस चौकी प्रभारी ने ऐसे मामले की जानकारी न होने का हवाला दिया। ऐसे में परेशान डिविजन नंबर एक के हवलदार ने इसकी शिकायत सिविल अस्पताल के एसएमओ डाक्टर भूपिन्द्र सिंह से की। पुलिस कर्मी की माने तों ऐसा बीते कुछ सप्ताह से चला आ रहा है। जबकि अस्पताल में तैनात पुलिस चौकी कर्मियों को बुलाने की बजाय कंट्रोल रूम से संपर्क साधा जा रहा है। एसएमओ डॉ. भूपिन्द्र सिंह का कहना है कि पुलिस को परेशान नहीं किया जा रहा है। यह उनकी ड्यूटी है। अस्पताल की इमरजेंसी में जब भी कोई अप्रिय घटना घटित होने या फिर अन्य कोई कारणों का संदेह होता है तो पुलिस की मदद ली जाती है।