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डिपो को मिलेंगी 30 नई बसें व 93 नए कर्मचारी, बंद पड़े 13 रूट होंगे शुरू

बसों व स्टाफ की कमी से जूझ रहे पंजाब रोडवेज पठानकोट डिपो की दोनों मांगें जल्द पूरी होने जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 12:20 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 12:20 AM (IST)
डिपो को मिलेंगी 30 नई बसें व 93 नए कर्मचारी, बंद पड़े 13 रूट होंगे शुरू
डिपो को मिलेंगी 30 नई बसें व 93 नए कर्मचारी, बंद पड़े 13 रूट होंगे शुरू

विनोद कुमार, पठानकोट : बसों व स्टाफ की कमी से जूझ रहे पंजाब रोडवेज पठानकोट डिपो की दोनों मांगें जल्द पूरी होने जा रही है। विभाग की ओर से डिपो को 30 नई बसें देने के अलावा नया स्टाफ देने की बात कही है। उम्मीद है कि नवंबर के अंत व दिसंबर के पहले सप्ताह में डिपो में बसें पहुंचना शुरू हो जाएंगी। मांग के अनुसार 30 नई ऑर्डनरी बसों के अलावा करीब 41 कंडक्टर व 52 ड्राइवर मिलेंगे, जिसके बाद हिमाचल प्रदेश के बंद पड़े रूटों पर नई बसें भेजी जाएंगी। वहीं, पहले से रूट पर चल रही पुरानी बसों को ग्रामीण एरिया में सर्विस शुरू कर लोगों को राहत दी जा रही है। फिलहाल, बसों को लेकर स्थानीय स्तर पर अधिकारी व कर्मचारी इनका टाइम टेबल सेट करने के काम में व्यस्त हो गए हैं।

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करीब 12 साल पहले पठानकोट डिपो के पास ड्राइवर व कंडक्टर पूरे थे। मगर, उस समय बसों की कमी ज्यादा थी, जिस कारण चाहते हुए भी स्थानीय अधिकारियों के पास रोजाना 10 से अधिक रुट बंद करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं था। इसके बाद विभाग ने डिपो में बसों की कमी को पूरा करते हुए बसें तो दी। मगर, पिछले दस साल के भीतर डिपो के 15 से 20 ड्राइवर व और इतने ही कंडक्टर रिटायर्ड हो चुके हैं परंतु उनके स्थान पर स्टाफ नहीं मिला।

डिपो के पास है 121 बसों का फ्लीट

पंजाब रोडवेज पठानकोट डिपो के पास वर्तमान समय में कुल 118 बसें हैं। इसमें पनबस की 87 व रोडवेज की 31 बसें शामिल हैं। इसके अलावा 3 बाल्वों बसें है। डिपो के पास उपलब्ध बसों के मुताबिक तकरीबन 88 ड्राइवर हैं और सभी बसों को यदि रूट पर चलाना है तो उसके लिए 45 ओर ड्राइवरों की जरुरत है। हालांकि, पनबस व सरकारी कंडक्टर पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं, लेकिन वह बसें नहीं चला सकते, जिस कारण डिपो के पास बसों को खड़ी करने की बजाय डिपो के पास कोई विकल्प नहीं है।

जालंधर- अमृतसर रूट ज्यादा होते हैं मिस

डिपो के पास ड्राइवरों की कमी के कारण सबसे ज्यादा जालंधर व अमृतसर के रूट मिस करने पड़ते हैं। औसतन पठानकोट-अमृतसर के आठ से दस तथा जालंधर से भी सात-आठ रूट रोजाना मिस होते हैं। इससे यहां पास होल्डरों के अलावा तकरीबन दो हजार यात्री प्राइवेट बसों में सफर करते हैं।

बसें मिलने पर हिमाचल सहित ग्रामीण एरिया को दी जाएगी तरजीह

लगभग दस वर्ष पहले पठानकोट से सुबह 7:15 बजे पठानकोट- धर्मशाला, 10 बजे पठानकोट से मंडी, 10:10 बजे पठानकोट से मंडी, 11:50 बजे पठानकोट-चामुंडा, 1:20 बजे पठानकोट से चामुंडा देवी, दोपहर 2:20 बजे पठानकोट मंडी तथा सायं 4:10 बजे पठानकोट से धर्मशाला रुट पर बसें चलती थी। मगर, बसों की कमी होने के कारण एक-एक कर सभी रूट बंद हो चुके हैं। नई बसें आने के बाद हिमाचल के बंद रूट बहाल किए जाएंगे, वहीं थोड़ा पुरानी हो चुकी बसों को जिला के उस ग्रामीण एरिया में चलाया जाएगा, यहां सरकारी बस सेवा नहीं है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ समय से पठानकोट से जुगियाल, शाहपुरकंडी, माधोपुर, बमियाल, जनियाल, घरोटा, तारागढ़ एरिया में फिर से बस सेवा शुरू करने का प्लान तैयार किया गया है। नई बसों को मुख्य रुट पर तथा वर्तमान में उनके स्थान पर चल रही बसों को लोकल रुट पर चलाकर लोगों को सुविधा प्रदान की जाएगी। लोग बोले-ग्रामीण एरिया में सरकारी बस सेवा शुरू होने से मिलेगी राहत

दैनिक यात्री हनी मंगोत्रा, साहिल शर्मा, कुलदीप सड़माल, विजय कुमार, विद्यार्थी रोहित कुमार, शालू, व्यापार मंडल के सीनियर वाइस प्रधान अमित नय्यर, श्री राम नाटक क्लब भरोली कलां के सीनियर वाइस प्रधान इंजीनियर सोम राज, गांव सुंदरचक्क के सरपंच अभिषेक कुमार, सरपंच भोआ नीलू, आदि ने पठानकोट को नई बसें मिलने के बाद लोगों को काफी राहत मिलेगी। कारण, सरकारी बस सेवा न होने के कारण लोग प्राइवेट बस सेवा पर निर्भर होते हैं ओर प्राइवेट बस चालक अपनी मर्जी अनुसार बसें चलाते हैं जिससे लोगों का काफी समय खराब होता है। उन्होंने कहा कि सरकारी बस सेवा शुरु होने से यहां यात्रियों को राहत मिलेगी, वहीं डिपो को भी इससे आर्थिक तौर पर लाभ मिलेगा।

कोट्स

हायर डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट को पिछले माह 30 नई बसों सहित 41 नए कंडक्टर व 52 ड्राइवर देने की मांग की है। इसी साल के अगले माह तक तीनों मांगों को पूरा कर दिया जाएगा। नई बसें व स्टाफ मिलने के बाद हिमाचल के बंद पड़े रूटों को शुरु करने के अलावा पुरानी बसों से ग्रामीण एरिया में नए रूट शुरु किए जाएंगे।

हरजिंदर सिंह मन्हास, जनरल मैनेजर पठानकोट डिपो


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