स्वाइन फ्लू से एक और महिला की मौत
जिले स्वाइन फ्लू ने बीते चार वर्षों के रिकार्ड को तोड़ दिया है।
संवाद सहयोगी, पठानकोट
जिले स्वाइन फ्लू ने बीते चार वर्षों के रिकार्ड को तोड़ दिया है। बुधवार को 1 सी कैटागिरी व 23 बी कैटागिरी स्वाइन फ्लू मरीजों की पुष्टि हुई तो जो यह आंकड़ा बढ़ कर सेंचुरी पार (101) पहुंच गया। जिसमें मोहल्ला खानपुर की 45 वर्षीय महिला मौत हो गई। विभागीय आंकड़ों अनुसार पठानकोट में यह तीसरी मौत है। इस मृतक महिला का उपचार कैपिटल अस्पताल जालंधर में चल रहा था। जिला एपीडेमॉलोजिस्ट डॉ. सुनीता शर्मा ने बताया कि मृतक महिला के शव को अस्पताल से ढककर सीधे श्मशानघाट ले जाया गया, जहां मेडिकल टीम की मौजूदगी में संस्कार करवाया गया है। इसके एलावा सेहत विभाग की टीम ने पीड़ित परिवार का चेकअप कर उनका उपचार शुरू कर दिया है।
बता दें कि उक्त आंकड़ा बीते वर्षों का सबसे हैरानी जनक है। जो विभाग के असफल प्रयासों की पोल खोल रहा है। यह कहना गलत नही होगा कि सरकार जिला के लोगों को डेंगू हो या फिर स्वाइन प्लू से बचाने के लिए लाखों रूपए के फंड मुहैया करवा रही है। जिसका लाभ जिला के लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ पूरी तरह से नही मिल रहा। जिसका प्रमाण बेलगाम डेंगू की भांति स्वाइन फ्लू का होना है। बीते चार सालों में यदि वर्ष-2017 की बात की जाए तो इस वर्ष सबसे अधिक 35 बी कैटागिरी मरीज तथा 1 सी कैटागिरी के मरीज की पुष्टि हुई थी। इसी प्रकार 2015-16 में कुल 29 स्वाइन फ्लू केस सामने आए थे। इनमें 4 मरीजों की मौत हो गई थी। आज पुष्टि हुए अधिकतर मरीज पठानकोट जिला के बताए जा रहे हैं,जबकि कुछेक बाहरी जिलों से संबंधित हैं। इन सब को इन सभी मरीजों की पुष्टि होने के बाद सिविल अस्पताल प्रबंधन ने उपचार शुरू कर दिया है। वहीं डेंगू की भांति स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए रेपिड एक्शन फोर्स टीम का गठन किया है।
डॉ. सुनीता शर्मा ने बताया कि जिन 23 बी कैटागिरी स्वाइन फ्लू मरीजों की पुष्टि हुई है,इनमें अधिकतर जिले के हैं जबकि कुछेक बाहरी जिलों के हैं। इन सभी मरीजों का उपचार स्थानीय निजी अस्पतालों में चल रहा था। जिसकी सूचना सिविल अस्पताल प्रबंधन को मिली है। उसी आधार पर सिविल अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता दिखाते हुए मरीजों का उपचार शुरू करवाया है। उन्होंने बताया उक्त सभी मरीज खतरे से बाहर हैं।
ये हैं स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण
- नाक का लगातार बहना, छींक आना, नाक जाम होना।
- मांसपेशियां में दर्द या अकड़न महसूस करना।
- सिर में भयानक दर्द।
- कफ और कोल्ड, लगातार खांसी आना।
- बहुत ज्यादा थकान महसूस होना।
- बुखार होना, दवा खाने के बाद भी बुखार का लगातार बढ़ना।
- गले में खराश होना और इसका लगातार बढ़ते जाना।