यमदूत बनकर सड़कों पर दौड़ रहे ओवरलोडिड वाहन
जिले के शहरी इलाकों में तो ओवरलो¨डग की समस्या इतनी नहीं है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ओवरलो¨डग वाहन आम ही दिख जाते हैं।
जागरण टीम, पठानकोट/ बमियाल/ माधोपुर/ सरना:जिले में ओवरलो¨डग वाहन सड़कों पर यमदूत बनकर दौड़ रहे हैं। क्षमता से अधिक भार लेकर जा रहे यह वाहन न सिर्फ हादसों को न्यौता दे रहे हैं बल्कि सड़कों की सूरत भी बिगाड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा समस्या नरोट जैमल ¨सह, बमियाल और माधोपुर क्षेत्र में आ रही है। इंटरनेशनल बॉर्डर के साथ सटे क्षेत्र में क्रशर इंडस्ट्री ज्यादा होने के कारण भी यह एरिया इस समस्या से जूझ रहा है। यह ओवरलोड वाहन कभी दूसरे वाहनों से टकरा कर हादसों को अंजाम दे रहे हैं तो कभी तीव्र मोड़ पर यह ओवरलोड वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं। ऐसे कई हादसे जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हो चुके हैं।
सीमावर्ती जिला होने के चलते ज्यादा समस्या
ओवरलो¨डग की बात करें तो जिले के बाहरी क्षेत्रों में यह समस्या काफी लंबे समय से है। कई बार लोग इसके खिलाफ आवाज भी उठा चुके हैं। तीन राज्यों की सीमाओं को छूने के कारण जिला पठानकोट में ओवरलो¨डग की समस्या ज्यादा है। पंजाब के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में माल भेजने के लिए भारी संख्या में लो¨डग वाहन पठानकोट से रोजाना ही गुजरते हैं। ईंट भटठों, क्रशरों समेत कई अन्य इंडस्ट्रियों के वाहन यहां से लोड होकर जाते हैं या फिर कहीं बाहर से कच्चा माल लाकर यहां अनलोड किया जाता है। ऐसे में यहां पर ओवरलो¨डग की समस्या दिखना आम बात है।
भारत-पाक इंटरनेशनल बॉर्डर के साथ सटे क्षेत्र नरोट जैमल ¨सह, बमियाल में भारी संख्या में वाहन ओवरलो¨डग करते पाए गए हैं। यहां पर न सिर्फ क्रशर इंडस्ट्री के वाहन बल्कि फसलें ले जाने वाले वाहन भी ओवरलोड हुए दिखे। वहीं नंगलभूर क्षेत्र में पठानकोट-जालंधर नेशनल हाईवे पर रोजाना कई ओवरलोड वाहन गुजरते हैं। इसके अलावा मलिकपुर व सरना में पठानकोट-अमृतसर नेशनल हाइवे पर भी ओवरलो¨डग दिख ही जाती है। इसके अलावा माधोपुर में पठानकोट-जम्मू नेशनल हाइवे पर भी अवैध वाहन चल रहे हैं।
गुहार लगाकर थक चुके लोग
सीमावर्ती क्षेत्र बमियाल के निवासी यशपाल, प्रेम कुमार, पूरन चंद व रघुबीर कुमार आदि ने बताया कि ओवरलोडिड वाहनों की समस्या से वह काफी परेशान हैं। कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं कि इन वाहनों पर नकेल डाली जाए। लेकिन प्रशासन किसी भी प्रकार का हल नहीं कर रहा है। नतीजतन यह वाहन अपनी मर्जी से ही सड़कों पर दौड़ रहे हैं और हादसों को न्यौता दे रहे हैं।
कौन कर रहा है ओवरलो¨डग
- क्रशर इंडस्ट्री का माल ढोने वाले वाहन।
- दाना मंडियों में फसल पहुंचाने वाले वाहन।
- सब्जी मंडियों में रोजाना आने वाले वाहन।
- ईंट भटठों का माल ढोने वाले वाहन।
- अन्य ट्रांसपोर्ट कंपनियों के बड़े लो¨डग वाहन। ओवरलो¨डग के कारण
- पुलिस की ढीली कार्रवाई।
- वाहन चालकों में कोई खौफ नहीं।
- एक ही बार में ज्यादा माल ढोने का लालच।
- ट्रांसपोर्टेशन खर्च को कम करना।
- समय की बचत करना।
- टोल टैक्स व अन्य कर बचाना। ओवरलो¨डग के नतीजे
- बड़े वाहनों का अनियंत्रित होकर पलटना।
- सड़क हादसों में बढ़ौतरी।
- सड़कों की बिगड़ती हालत।
- पुलों का जर्जर होना।
- सड़क के ऊपर बिजली की तारें टूट जातीं हैं।
- ओवरलोडिड ट्रकों के खराब होने पर लगता है जाम। पीटीके-36, 37 व 38 में फाइल फोटो।
ओवरलोडिड वाहनों से हो चुके कई हादसे
ओवरलोडिड वाहनों से होने वाले हादसों पर नजर दौड़ायें तो यह वह कई हादसों को अंजाम दे चुके हैं। कई बार यह वाहन संतुलन खो देने से पलट जाते हैं तो कभी यह खराब होकर बीच सड़क ही रूक जाते हैं जिससे जाम लग जाता है। ऐसे कुछ मामले सालों से लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में देखें तो 13 नवंबर को मलिकपुर में सीमेंट से भरा ओवरलोड वाहन पलट गया था। वहीं 14 अक्टूबर को मलिकपुर-सुंदरचक्क कीड़ी मार्ग पर ओवरलोडिड ट्रक खराब हो जाने से घंटों जाम लगा गया था। 10 मई को बमियाल में आलू से भरा ट्रक पलटने से काफी नुक्सान हो गया था। 29 जून को बमियाल में ओवरलोडिड ट्रक खराब होने से छह घंट जाम लगा था। 6 जुलाई को दीनानगर-नरोट जैमल ¨सह मार्ग पर जाम लग गया था। 27 अगस्त को नंगलभूर में ट्रक पलटने से हादसा हो गया था। ओवरलोडिड वाहनों से होने वाले हादसे अब आम हो चुके हैं। ओवरलोडिड वाहनों पर लगता है 25 से 30 लाख जुर्माना: आरटीओ
आरटीओ (रिजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी) गुरदासपुर बलदेव ¨सह रंधावा ने कहा कि वह गुरदासपुर और पठानकोट जिला के विभिन्न एरिया का दौरा कर ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई करते हैं। औसतन हर महीने 200 के करीब ओवरलोड वाहनों के चालान काट कर तकरीबन 25 से 30 लाख रुपए जुर्माना वसूला जाता है।