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उत्साह नहीं पड़ेगा फीका, अपने देश के हैं पिचकारियां और रंग

कोरोना वायरस की अफवाहों का असर इस बार रंगों के त्योहार होली पर भी देखने को मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 06:14 PM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 06:07 AM (IST)
उत्साह नहीं पड़ेगा फीका, अपने देश के हैं पिचकारियां और रंग
उत्साह नहीं पड़ेगा फीका, अपने देश के हैं पिचकारियां और रंग

भीष्म भनोट, पठानकोट : कोरोना वायरस की अफवाहों का असर रंगों के त्योहार होली पर न पड़े इसलिए इस बार बाजारों में चाइनीज पिचकारियां, गुब्बारे और रंग गायब हैं। इनकी बजाय इस बार स्वदेशी पिचकारियों व रंगों की भारी भरमार है। बाजार में प्रत्येक दुकान पर मेड इन इंडिया का टैग हर जगह दिखाई दे रहा है जबकि पिछले साल होली पर ज्यादातर बच्चों के हाथों में चाइनीज पिचकारियां ही नजर आती थी। खास बात यह भी है कि चीन का सामान सस्ता कहकर बेचा जाता था लेकिन भारत में बने सामान की भी बाजार में ज्यादा कीमत नहीं है। चीन में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए आयात पर रोक लगी हुई है।

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होली के सामान के पठानकोट में होलसेल व्यापारी : 10

परचून दुकानदार : 80

सामान का कारोबार : 2 करोड़ रुपये

दिल्ली, यूपी, लुधियाना व अमृतसर से आ रहा सामान

कोरोना वायरस के असर के कारण इस बार चाइनीज पिचकारियां, रंग और गुब्बारे नहीं आ रहे। पठानकोट के बाजार में रंग और पिचकारियां दिल्ली, यूपी, लुधियाना व अमृतसर से लाकर बेची जा रही हैं। इस बार होली को लेकर मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स दिखाई दे रहे हैं। महंगे दाम, जेब पर पड़ेंगे भारी

भारत में बने उत्पादों के दाम पहले ही दुकानदार चाइनीज उत्पादों के मुकाबले अधिक बताकर बेच रहे हैं। इस बार चीन से आयात रूकने के कारण एक बार फिर दाम में इजाफा बताकर होली सामग्री महंगे भाव बेचा रहा है। इसलिए रंगों का त्योहार होली लोगों की जेब पर कुछ भारी पड़ेगा। कार्टून कैरेक्टर की पिचकारियां की डिमांड

शहर के न्यू एमसी बाजार स्थित होलसेल दुकानदार अर्चित पुरी के अनुसार इस बार बच्चों के लिए छोटा भीम, मोटू-पतलू, डोरेमॉन, स्पाइडरमैन, पबजी, बेनटेन आदि कार्टून कैरेक्टर्स की पिचकारियां आई हैं। वहीं, गीला होने से परहेज करने वालों के लिए सूखे रंगों की पिचकारी भी उपलब्ध है। कई लोग होली के लिए कलर स्प्रे खरीद रहे हैं। असमंजस व दहशत में लोग

दुकानदार अमित ने बताया कि चीन से इस बार पिचकारियां, गुब्बारे आदि नहीं आए हैं। इसलिए मेड इन इंडिया ने चीन निर्मित पिचकारियों व रंगों की जगह तो बाजार में बना ली है लेकिन, असमंजस व दहशत में आए लोगों ने खरीदारी को लेकर दूरियां बनाई हुई है। इस बार उन्होंने पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत सामान बेचने के लिए मंगवाया है। रसायनिक रंगों से होली खेलने से गुरेज करें यह रसायनिक रंग आपकी आंखों व स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं अगर गलती से आप पर कोई रसायनिक रंग फेंक देता है तो जलन होने पर उसे तुरंत पानी से धो लें और डॉक्टर से चेकअप करवाएं।

डॉ. केडी सिंह, आई स्पेशलिस्ट


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