जिले के एक भी सरकारी अस्पताल में नहीं वेंटीलेटर
जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में वेंटीलेटर की सुविधा नहीं है। हैरानी की बात यह है कि जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में भी कोई वेंटीलेटर नहीं है।
संवाद सहयोगी, पठानकोट :
जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में वेंटीलेटर की सुविधा नहीं है। हैरानी की बात यह है कि जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में भी कोई वेंटीलेटर नहीं है। वेंटीलेटर की जरूरत प्रत्येक अस्पताल में आए दिन पड़ती है। इमरजेंसी में सरकारी सेहत सुरक्षा के कवच के छेद प्राइवेट अस्पताल भरेंगे। इनमें चौहान अस्पताल, नवचेतन, सुखसदन, अमनदीप, राज सहित कई अस्पतालों के नाम शामिल है। भविष्य में जरूरत के लिए कड़े विकल्प अपनाए जा रहे हैं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं वह निश्चित सरकारी अस्पतालों में अपना उपचार करवाए। अगर किसी को इमरजेंसी वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है तो उसका भी प्रबंध किया गया है।
चितपूर्णी सहित 14 प्राइवेट अस्पतालों से किया समझौता
सिविल अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में वेंटीलेटर की सुविधा नहीं है लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए विभाग ने चितपूर्णी मेडिकल कालेज सहित 14 प्राइवेट अस्पतालों के साथ टाइअप किया है। चितपूर्णी मेडिकल कालेज में मुश्किल की घड़ी से निपटने के लिए पांच वेंटीलेटर की सुविधा है।
18 के करीब प्राइवेट अस्पतालों में वेंटीलेटर
जिले के प्राइवेट अस्पतालों में 18 के करीब वेंटीलेटर है और सभी को जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाएगा। ताकि लोगों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढील ना बरती जाए।
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सिविल सर्जन पठानकोट विनोद सरीन ने बताया कि कई प्राइवेट अस्पतालों के साथ इस मामले को लेकर बातचीत की जा चुकी है। आपातकाल में निपटने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं।
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- स्वास्थ्य महकमे के पास सीमित साधन हैं। इन्हें बढ़ाने के प्रयास जारी है, संबंधित विभाग के साथ संपर्क किया गया है। विकल्प के तौर पर प्राइवेट अस्पतालों की सेवाएं ली जा रही है।
डीसी