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अब घर बैठे शहर के लोगों को मिल सकेगा नक्शा

निगम के अधीन आती करीब अढ़ाई लाख आबादी को अब नक्शे पास करवाने के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 11:33 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 11:33 PM (IST)
अब घर बैठे शहर के लोगों को मिल सकेगा नक्शा
अब घर बैठे शहर के लोगों को मिल सकेगा नक्शा

संस, पठानकोट : निगम के अधीन आती करीब अढ़ाई लाख आबादी को अब नक्शे पास करवाने के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मात्र ई-नक्शा वेबसाइट पर नक्शे को अप्लाई करने के बाद तथा घर बैठे ही ऑनलाइन फीस जमा करवाने पर शेष सारी प्रक्रिया निगम की ओर से पूरा कर आपको एनओसी मिल दी जाएगी। इससे जहां एक ओर आम व्यकित का समय तथा पैसा बच सकेगा वहीं दूसरी ओर फाइलें भरने की प्रक्रिया भी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। चंडीगढ़ से आई टीम के सर्विस स्पोर्ट इंजीनियर अभिषेक तथा गौतम ने निगम कार्यालय में संबंधित बि¨ल्डग इंस्पेक्टरों को इस वेबसाइट पर ट्रे¨नग दी तथा आज से इस पर कार्य करने के लिये अवगत करवाया। करीब दो घंटे ट्रे¨नग देने के उपरांत वह पुन: वापस चंडीगढ़ रवाना हो गये। अधिकारियों की माने तो आनलाइन प्रक्रिया एक दिसंबर से संभवत शुरू हो जाएगी। अकसर अधिकारियों के कार्यालयों में न मिलने के कारण पहले लोगों को छुट्टी कर कई-कई दिनों तक पहले मेन्युअल नक्शे की फाइलों को जमा करवाने के लिये जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था पर अब एक क्लिक के बाद ही एनओसी मिलते ही वह अपने घर तथा बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू करवा सकेंगे।

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नक्शा पास करवाने के लिए इस तरह करें अप्लाई

मकान मालिक की ओर से अपनी बि¨ल्डग के निर्माण के लिये सर्वप्रथम किसी भी रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाने के बाद इसे ई-नक्शा पर अप्लाई करना पड़ेगा। इसमें मलवा,निर्माण तथा अन्य कार्यों के लिये फीस को कैलकुलेट कर लिया जाएगा तथा खाते में पैसा जमा करवा दिया जाएगा। इसके बाद विभागीय स्तर पर ये नक्शा निगम कार्यालय में तैनात बि¨ल्डग इंस्पेक्टर के पास चला जाएगा। इंस्पेक्टर मौके पर जाएगा तथा खुद मुआयना कर इनकी फोटो दोबारा वेबसाइड पर अपलोड कर इन्हें टेक्निकल संतुति के लिए सहायक टाउन प्लानर के पास भेज देगा। सहायक टाऊन प्लानर इसकी समीक्षा करने के बाद म्युनिसिपल टाउन प्लान को ये भेजेगा। एमटीपी इसकी समीक्षा करने के बाद इसे फाइनल अप्रूव कर इसके मैप को फाइनल संतुति देगा। ये मैप रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट के पास चला जाएगा जिसके बाद कोई भी व्यकित अपनी बि¨ल्डग का निर्माण कार्य शुरू करवा सकता है।

अवैध कालोनियों का निर्माण कर रहे क्लोनाइजरों को चेतावनी

निगम जहां एक दिसंबर से ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर लोगों को बड़ी राहत देने में आज से ही जुट गया है वहीं दूसरी ओर उनकी ओर से जिले के अवैध कालोनियों का निर्माण कर रहे क्लोनाइजरों को भी चेतावनी दी गई है। जिले के 46 क्लोनाइजरों को आगाह किया गया है कि वह उनकी फाइलों पर लगे अब्जेक्शन को दिसम्बर-2018 के पहले सप्ताह से पूर्व वापस करवाएं अन्यथा एफआईआर के लिये तैयार रहें। विभाग की ओर से ये कदम पिछले पांच साल में सर्वे कर जिले की अवैध पाई गई 46 कालोनियों के आब्जेक्शन क्लोनाइजरों की ओर से बंद न करवाये जाने के बाद उठाने का निर्णय लिया गया हे।

साल 2013-14,2014-15 तथा 205-16 में इन सभी कालोनियों का सर्वेक्षण कर निगम की ओर से इनकी फाइलें तैयार कर सीनियर टाऊन प्लानर अमृतसर को आगामी कार्यवाई हेतु 56 अवैध कॉलोनियां भेजी गई थी। इसमें से मात्र 8 कालोनी ही पास हुई है जबकि 46 कालोनियां पर जांच के दौरान कई तरह के ऑब्जेक्शन लगाये गए थे। इन ऑब्जेक्शन को हटवाने के लिये क्लोनाइजर की ओर से आज तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है तथा न ही इन्हें रिमूव करवाया जा रहा है। विभाग की ओर से अब फैसला लिया गया है कि यदि इन आब्जेक्शन को क्लोनाइजर की ओर से हटवाया नहीं जाता तो दिसम्बर में इस पर विभाग अपने ढंग से काम करना शुरू कर देगा। एटीपी बजीर राज ने कहा कि क्लोनाइजरों पर पीएपीआर एक्ट 1995 के तहत आब्जेक्शन वापस न करवाने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर आगामी कार्यवाई की जाएगी।

हर महीने आते हैं 20 से 25 नक्शे : बजीर राज

एटीपी बजीर राज ने बताया कि निगम के पास प्रत्येक माह 20 से 25 नक्शे पास होने के लिये आते हैं, जिससे निगम को अब 84 लाख रुपये की प्रत्येक वर्ष आमदन होगी। इसमें सबसे बड़ी सुविधा उपभोक्ताओं को मिलेगी जोकि अब किसी भी जगह बैठ कर नक्शा अपलोड करने के उपरांत खुद व खुद इस प्रक्रिया का हिस्सा बन जाएंगे तथा उन्हें प्रक्रिया पूरा होने के उपरांत एनओसी वेबसाइट पर ही मिल जाएगी।


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