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ठेके पर काम कर रहे 200 कर्मियों को चार महीने से वेतन नहीं, प्रदर्शन

नगर निगम की विभिन्न ब्रांचों में ठेकेदारी प्रथा के तहत काम करने वाले दो सौ कर्मचारियों को पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 11:22 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 11:22 PM (IST)
ठेके पर काम कर रहे 200 कर्मियों को चार महीने से वेतन नहीं, प्रदर्शन
ठेके पर काम कर रहे 200 कर्मियों को चार महीने से वेतन नहीं, प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, पठानकोट

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नगर निगम की विभिन्न ब्रांचों में ठेकेदारी प्रथा के तहत काम करने वाले दो सौ कर्मचारियों को पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन को लेकर वह मेयर व कमिश्नर के पास भी गए परंतु सिवाय आश्वासनों के हाथ कुछ नहीं लगा। मजबूर होकर वह संघर्ष के रास्ते पर उतर आए हैं। सोमवार को कर्मचारियों ने सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक निगम कार्यालय के गेट पर डेरा लगाया ओर निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चार माह से उन्हें वेतन नहीं मिला है। अप्रैल महीना आधा बीत गया है ओर अभी तक वह अपने बच्चों की एडमिशन फीस तक जमा नहीं करवा पाए। दुकानदारों ने अब राशन देन से भी मना कर दिया है जिससे मजबूर होकर वह संघर्ष का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर हुए हैं। इससे पूर्व सुबह दस बजे समूह कर्मचारी निगम कार्यालय में इकट्ठा हुए ओर स्वच्छ भारत मजदूर यूनियन के बैनर तले धरने पर बैठ गए। धरने का नेतृत्व कर रहे प्रधान धर्मेंद ठाकुर, चेयरमैन ओंकार सिंह, वाइस चेयरमैन सतनाम सत्ता, महासचिव नरेंद्र सिंह, सीनियर वाइस प्रधान राजेश्वर लवला ने बताया कि निमयों के तहत उन्हें 8870 रुपए मिलने चाहिए परंतु मिलते 6700 रुपए वह भी समय पर नहीं मिलते। उन्होंने कहा कि नगर निगम उनसे प्रापर्टी टैक्स रिकवरी से लेकर टयूबवेलों व इलेक्ट्रिशियन का काम लेता हैं परंतु बदले में उन्हें मिलने वाला मान भत्ता भी समय पर नहीं देता। चार माह से वेतन न मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिती डगमगा गई है। अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर राशन ले रहे हैं। बच्चों की फीस भरना मुश्किल हो गई है। ऐसा भी नहीं है कि समस्या को लेकर वह निगम के उच्चाधिकारियों से न मिलें हों। समय-समय पर वह उच्चाधिकारियों सहित मेयर व कमिश्नर से मिल चुके हैं। सभी से सिवाय आश्वासनों से कुछ नहीं मिला जिसे लेकर कर्मचारियों में लगातार रोष बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि संघर्ष का रास्ता अपनाया जाए लेकिन, निगम प्रशासन उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर तीन दिनों के भीतर उनकी समस्या का समाधान न हुआ तो वह निगम की स्थायी कर्मचारियों यूनियनों के साथ मिलकर जो भी कदम उठाना पड़ा वह उठाएंगे। नगर निगम की कमिश्नर सोनाली गिरि कहना है कि कर्मचारियों की दो माह की सेलरी पास हो गई है। ठेकेदार को आदेश कर दिया है कि वह मंगलवार तक कर्मचारियों को हर हाल में दो माह का वेतन जारी करे ताकि उन्हें पेश आ रही परेशानियों का सामना न करना पड़े।


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