एनएचएम कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) मांगों की अनदेखी को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
जागरण संवाददाता, पठानकोट
एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) मांगों की अनदेखी को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार उनकी भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है जिस कारण उन्हें मजबूरी में ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। र्मचारियों के हड़ताल के चलते पहले दिन सैंपलिग, वैक्सीनेसन, रजिस्ट्रेशन व होम आइसोलेन का अभी इतना काम प्रभावित नहीं हुआ परंतु आने वाले दिनों में विभाग के लिए भारी परेशानियां पैदा हो जाएंगी। हड़ताल की वजह से यहां वैक्सीनेशन का काम कम हो जाएगा, वहीं सैंपलिग की प्रक्रिया भी प्रभावित हो जाएगी। इससे यहां लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा, वहंीं विभाग के लिए सुविधाएं मुहैया करवा पाना मुश्किल हो जाएगा।
पहले रोजाना जहां पहले 500 तथा चार हजार लोगों को वैक्सीनेशन का काम होता था वहीं मंगलवार को मात्र डेढ़ सौ के करीब लोगों की सैंपलिग हुई तथा 250 के करीब ही वैक्सीनेशन हो पाई। इसके इलावा कार्यालय से संबंधित काम करवाने आए लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिला अस्पताल में तो लोगों को ज्यादा दिक्कतें पेश नहीं आई। लेकिन, जिला की विभिन्न सीएचसी में इसका खासा असर देखने को मिला। एक हफ्ता पहले सरकार को दी थी चेतावनी, नहीं किया अमल
जिला अस्पताल में प्रधान पंकज, डाक्टर ओपी विग, डा. विनय व डा. रोहित के नेतृत्व में समूह एनएचएम ने सरकार के खिलाफ धरना दिया। इस दौरान सदस्यों ने पंजाब सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनकी कदर नहीं कर रही। ऐसा भी नहीं है कि उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एकदम से फैसला लिया है। पिछले सप्ताह भी उन्होंने एक दिन की सांकेतिक हड़ताल कर सरकार को एक सप्ताह का समय दिया था कि अगर मांगों पर गौर न की तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं। लिहाजा, केंद्रीय हाईकमान के निर्देश में हुई मीटिग के दौरान फैसला लिया गया कि अब एक दिन की नहीं बल्कि अनिश्चितकालीन हड़ताल ही होगी। शौक नहीं मजबूरी है
प्रधान पंकज व डाक्टर विनय ने कहा वह शौक से नहीं बल्कि मजबूरी में ऐसा कदम उठा रहे हैं। कहा कि जिला पठानकोट में कुल कर्मचारी 430 सदस्यों का स्टाफ है। जो सैंपलिग, होम क्वारंटाइन, वैक्सीनेसन, रजिस्ट्रेशन व कलेरिक्ल कार्यों में अपनी सेवाएं निभाता है। उन्होंने कहा कि रुटीन में पहले 500 के करीब सैंपलिग होती थी, लेकिन आज बड़ी मुश्किल से मंगलवार को 150 के करीब ही हो पाई।
सरकार ने किया खिलवाड़
डा. विनय ने कहा कि वह पिछले बीस से पच्चीस वर्षों से ठेकेदारी प्रथा के तहत प्रदेश भर में काम कर रहे हैं। लेकिन, अभी तक सरकार ने उन्हें रेगुलर करने पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस दौरान कई सरकारें आई परंतु सभी ने केवल उनकी भावनाओं से खिलवाड़ किया। इसलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुए हैं।
स्टाफ नर्सों ने भी जताया रोष
स्टाफ नर्स की जिला प्रधान नीतू सिंह ने कहा कि एनएचएम के अधीन आते कर्मचारियों ने सरकार के आगे कई बार रेगुलर करने की गुहार लगाई है। लेकिन, सरकार उनकी मांग पर कोई ध्यान ही नहीं दे रही। हरियाणा ने 2018 में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत भर्ती किए गए स्टाफ को रेगुलर कर सरकारी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है, लकिन पंजाब में ऐसा नहीं है। करवाई है। मौके पर डा. विनय कुंडल, चंचल बाला, सुरेंद्र कुमार, अर्जुन सिंह, डा. रोहित, जतिन कुमार, प्रिया महाजन व हेमंत शर्मा सहित अन्य भी थे।