सिविल में पांच करोड़ से बनेगी मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर यूनिट
सिविल अस्पताल में पांच करोड़ की लागत से बनने वाले मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर यूनिट (एमसीएच) को जून-2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
संवाद सहयोगी, पठानकोट
सिविल अस्पताल में पांच करोड़ की लागत से बनने वाले मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर यूनिट (एमसीएच) को जून-2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एमसीएच के पूरा होते ही जच्चा-बच्चा का ट्रीटमेंट एक ही छत के नीचे अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ होगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जिलाधीश रामवीर,विधायक पठानकोट अमित विज तथा एसएमओ डाक्टर भूपेन्द्र ¨सह की विशेष बैठक हुई है। बैठक में 30 बैड वाले इस प्रोजेक्ट के युद्ध स्तर पर शुरू कर यथाशीघ्र पूरा करने का टारगेट रखा गया है।
सिविल अस्पताल में बढ़ेगी बैड की संख्या
नक्शे के मुताबिक एसएमओ रूम के साथ बनने वाली इस बि¨ल्डग में ग्राउंड फ्लोर पर लेबर रूम, फर्स्ट फ्लोर पर मैटरनिटी थिएटर तथा सेकेंड फ्लोर पर वार्ड में 30 बेड लगेंगे। तीन मंजिला बि¨ल्डग में बाकायदा लिफ्ट होगी ताकि ऊपर-नीचे जच्चा-बच्चा को ले जाने में कोई दिक्कत न आए। इसके साथ ही रैंप का निर्माण भी होगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद सिविल अस्पताल पठानकोट 160 बैड का हो जाएगा। इससे पहले 130 बैड होने के कारण कई बार मरीजों की तादाद बढ़ जाने के कारण अलग से बैड लगाकर उन्हें एडजस्ट किया जाता है। एसएमओ डाक्टर भूपेन्द्र ¨सह ने बताया कि सरकार ने सरकारी अस्पतालों में डेथ-बर्थ रेट को कम करने के लिए एमसीएच बनाने की मंजूरी दी है, ताकि एक ही छत के नीचे मां व नवजात का ट्रीटमेंट हो सके। इसके अलावा बि¨ल्डग में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के बैठने (वे¨टग रूम) के लिए अलग से व्यवस्था होगी। बता दें कि इससे पहले सिविल अस्पताल में लेबर रूम व गायनी थिएटर अलग-अलग है। मौजूदा समय में डिलीवरी के बाद महिला को फीमेल वार्ड में भर्ती किया जाता है और नवजात को थैरेपी दिलाने के लिए अलग से यूनिट में भर्ती किया जाता है। लेकिन अब नई इमारत बनने के बाद यहां आने वाली गर्भवती महिला को डिलीवरी के साथ नवजात को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी । सिविल अस्पताल में हर महीने 350 से 400 डिलीवरी होती है।