New MV Act: दो दिन पहले भुगते पांच हजार, दोबारा चालान काटा तो ऑटो चालक ने आत्महत्या का प्रयास
New motor vehicle act पठानकोट में चालन भुगतने के दो दिन बाद फिर से चालान कटने से परेशान एक आटो चालक ने आत्महत्या का प्रयास किया।
पठानकोट [राज चौधरी]। New motor vehicle act: चालान कटने से परेशान एक ऑटो चालक ने बीच बाजार में फंदा लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। मामला दोपहर करीब दो बजे ढांगू रोड पर घटित हुआ। यहां ऑटो चालक राजेंद्र पाल निवासी ढांगू सवारियां बिठाकर बाजार आ रहा था कि जैसे ही वह पीर बाबा चौक में पहुंचा तो वहां नाके पर तैनात एएसआइ स्वर्ण सिंह ने उसका ओवरलोडिंग का चालान काट दिया।
इस दौरान ऑटो चालक ने रोना शुरू कर दिया, लेकिन पुलिस कर्मी नहीं माने। राजेंद्र ने चालान लेने से इन्कार करते हुए ऑटो में से रस्सी निकाली और फंदा लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। मामला उलझता देख ऑटो चालक और राहगीर एकत्र हो गए और उसके गले से रस्सी निकाली।
राजेंद्र ने बताया कि कुछ दिन पहले उसने ऑटो किश्तों पर लिया है। दो दिन पहले भी पुलिस ने उसे रोककर उसका चालान काट दिया था। उसने किसी के उधार पांच हजार रुपये लेकर चालान भुगता है। आज भी ऑटो में सिर्फ चार सवारियां बिठाई थी, लेकिन पुलिस मुलाजिम ने तीन से अधिक सवारियां बिठाने बात कहकर चालान काट दिया।
विधायक से चार बार मिले, पर नहीं लगा कैंप
ऑटो चालक काली, सोनू, कुलवीर, रवि कुमार, सुमेश, दीपक कुमार ने कहा कि एक दिसंबर को पुलिस ने शहर में बाहरी ऑटो बंद करवाने तथा शहरी ऑटो चालकों को सारे कागजात रखने की हिदायतें देकर चालान काटने शुरू किए। इस दौरान बाहरी ऑटो तो पुलिस ने एक भी नहीं पकड़ा, जबकि शहर के आटो चालकों को परेशान किया जा रहा है।
इस समस्या के हल के लिए वह चार बार पठानकोट के विधायक अमित विज से भी मिल चुके हैं। उन्होंने आटो चालकों को आश्वासन दिया था कि कैंप लगाकर उनके कागजात पूरे करवा दिए जाएंगे परंतु अभी तक ऐसा हुआ नहीं। अब जब वह आरटीए के पास परमिट लेने के लिए जाते है तो उन्हें साफ रूप से इंकार कर वापस भेजा जा रहा है।
कागजात पूरे तो नहीं काटना चाहिए था चालान: ट्रैफिक प्रभारी
एएसआइ स्वर्ण सिंह से कहा कि ऑटो में आठ सवारियां थी जिस कारण ही चालान काटा गया। इस संबंधी ट्रैफिक इंचार्ज को बताया जा चुका है। ट्रैफिक पुलिस प्रभारी सुरेंद्र पाल ने कहा कि फिलहाल उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। यदि कागजात पूरे थे तो चालान नहीं काटा जाना चाहिए था। फिर भी वह एएसआइ से बात कर मामले संबंधी जानकारी लेंगे।
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