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मुस्लिम भाइयों ने घरों में पढ़ी ईद उल फितर की नमाज

लॉकडाउन के चलते धाíमक स्थल बंद होने के कारण लोगों को अपने पर्व घरों में ही परिवार संग मनाने पड़ रहे हैं। जिले में पहली बार ऐसा मौका आया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों में रह कर ही ईद उल फितर की नमाज अदा की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 03:59 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 03:59 PM (IST)
मुस्लिम भाइयों ने घरों में पढ़ी ईद उल फितर की नमाज
मुस्लिम भाइयों ने घरों में पढ़ी ईद उल फितर की नमाज

जागरण संवाददाता, पठानकोट : लॉकडाउन के चलते धाíमक स्थल बंद होने के कारण लोगों को अपने पर्व घरों में ही परिवार संग मनाने पड़ रहे हैं। जिले में पहली बार ऐसा मौका आया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों में रह कर ही ईद उल फितर की नमाज अदा की। मोबाइल पर ही अपने रिश्तेदारों को ईद उल फितर की बधाई दी और अल्ला-ताला से दुआ कि भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को कोरोना महामारी से निजात दिलाए।

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पठानकोट के चौक रैणा स्थित जमा मस्जिद के इमाम मोहम्मद स्लीम का कहना है कि जीवन में पहली बार ऐसा समय आया कि ईद की नमाज घर में ही अदा करनी पड़ी। लॉकडाउन के चलते कई जानकारों ने उनसे ईद उल फितर की नमाज के लिए मस्जिद खोलने की बात संबंधी पूछा, परंतु सभी को एक ही बात कही कि सोशल डिस्टेंसिंग और कानून का पालन करना सबसे पहला फर्ज बनता है। लिहाजा, आप सभी खुद तथा अपने रिश्तेदारों को यही मैसेज करें कि घरों में ही रह कर नमाज अदा करें।

इमाम ने कहा कि जो मालिक को मंजूर हो उसी के हिसाब से चलना पड़ता है। जैसा समय आए उसी के हिसाब से अपने आप को ढालना चाहिए। जिस तरह देश की माग हो कार्य उसी प्रकार करना चाहिए। कोई भी धर्म किसी के साथ जबरदस्ती और कानून को न मानने की बात नहीं करता। सभी धर्म देशहित तथा कानून का पालन करने का संदेश देते हैं।


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