चालीस घंटे शव सहित धरने पर डटे रहे लोग, विधायक से मौके पर लिया मृतक की पत्नी को नौकरी, टिप्परों पर रोक का वायदा
टिप्पर की टक्कर से बाइक सवार की मौत के मामले को लेकर शादीपुर गांव में लोगों ने 40 घंटों तक प्रदर्शन करते रहे। गुस्साए लोगों ने शव को दीनानगर - तारागढ़ मार्ग के मध्य रखकर यातायात बाधित रखा।
संवाद सहयोगी तारागढ़ : टिप्पर की टक्कर से बाइक सवार की मौत के मामले को लेकर शादीपुर गांव में लोगों ने 40 घंटों तक प्रदर्शन करते रहे। गुस्साए लोगों ने शव को दीनानगर - तारागढ़ मार्ग के मध्य रखकर यातायात बाधित रखा। स्थिति यह बनी रही कि प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बावजूद सड़क से हटने को तैयार नहीं हुए। दो दिनों से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन को लेकर शनिवार दोपहर को भोआ के विधायक जोगिदर पाल को मौके पर आना पड़ा। स्थानीय लोगों की जिद पर विधायक ने लिखित तौर पर आश्वासन दिया कि मृतक की पत्नी को नौकरी, बच्चों की पढ़ाई का खर्च व अन्य सुविधाओं के साथ इस सड़क मार्ग से टिप्परों के आवागमन पर रोक लगेगी। इसके बाद पीड़ित परिवार एवं लोग सड़क से हटे और बोधराज का अंतिम संस्कार किया गया।
दूसरी ओर सड़क मार्ग खुलने से वाहन चालकों को राहत मिली और यातायात सुचारू हुआ। जाम लगने के कारण वाहनों को अन्य संपर्क मार्गों से गुजरना पड़ा।
यह दिया आश्वासन
विधायक जोगिदर पाल के गांव शादीपुर में धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंच कर मृतक बोधराज के परिवार के साथ संवेदना प्रकट की। कहा कि मृतक के परिवार की हर संभव सहायता की जाएगी और सरकार की तरफ से एसडीएम पठानकोट की तरफ से जो वादे परिवार के साथ किए गए है उन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मृतक की पत्नी ज्योति को गांव शादीपुर के आंगनबाड़ी सेंटर में नौकरी दी जाएगी। जबकि, तारागढ़-दीनानगर मार्ग पर रेत बजरी के आते ओवरलोड ट्रकों पर रोक लगाने के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए।
यह है मामला
वीरवार रात को शादीपुर निवासी बोधराज बाइक पर आ रहा था। इसी दौरान एक टिप्पर चालक ने उसे टक्कर मार दी थी और हादसे में बोधराज की मौके पर मौत हो गई थी। इसके बाद पीड़ित परिवार और गांववासियों ने मिलकर सड़क मार्ग जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया था। बाद में शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिवार ने इसे सड़क के बीच रख दिया। स्थिति बिगड़ती देख प्रशासन की तरफ से लोगों को समझाने व उनकी मांगे मानने की बात की गई थी। मौके पर
एसडीएम अर्शदीप सिंह, डीएसपी सुलखन सिंह, तहसीलदार अरविद सलवान, नायब तहसीलदार मोहिदर पाल ने प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश की। जिसमें मृतक की पत्नी ज्योति को नौकरी, मृतक की बेटियों की पढ़ाई का खर्च व महात्मा गांधी सरबत योजना के अंतर्गत हर सम्भव मदद का भरोसा दिया। लेकिन लोगों की तरफ से रेत बजरी से भरे ट्रकों की रोकथाम की मांग पर बात अटक जाने से एसडीएम पठानकोट वापिस लौट गए।
लोगों को मिल रहे हैं जख्म
कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि स्थानीय लोगों को सड़क मार्ग में ओवरलोडड वाहनों के कारण जख्म झेलने पड़ रहे हैं। कई हादसों में लोगों की मौत हो चुकी है तो कई घायल हो चुके हैं। लोग काफी समय से इन पर रोक की मांग उठा रहे हैं पर यह पूरी नहीं हो रही है। ऐसे में लोगों का इस हादसे के बाद गुस्सा फूटा। उम्मीद है कि प्रशासन अपने वायदे के मुताबिक कदम उठाएगा और लोगों को राहत मिलेगी।