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खफा मेयर बोले, कांग्रेस की कठपुतली बन चुके हैं कमिश्नर कुलवंत

प्रदेश में सत्ता पलटने के बाद से ही प्रदेश सरकार से खफा चल रहे भाजपा मेयर अनिल वासूदेवा ने मंगलवार को अपनी पार्टी के समूह पार्षदों को लामबंद करके एडीसी-कम-निगम कमिश्नर कुलवंत ¨सह को टारगेट किया। विधायक अमित विज का नाम लिए बगैर ही विधायक व समूची कांग्रेस पार्टी की तरफ इशारा करते हुए मेयर व पार्षदों ने कहा कि कमिश्नर कुलवंत ¨सह कांग्रेस की कठपुतली बन कर काम कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 05:27 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 05:27 PM (IST)
खफा मेयर बोले, कांग्रेस की कठपुतली बन चुके हैं कमिश्नर कुलवंत
खफा मेयर बोले, कांग्रेस की कठपुतली बन चुके हैं कमिश्नर कुलवंत

जागरण संवाददाता, पठानकोट : प्रदेश में सत्ता पलटने के बाद से ही सरकार से खफा चल रहे भाजपा मेयर अनिल वासुदेवा ने मंगलवार को अपनी पार्टी के समूह पार्षदों को लामबंद कर एडीसी-कम-निगम कमिश्नर कुलवंत ¨सह को टारगेट किया। विधायक अमित विज का नाम लिए बगैर ही विधायक व समूची कांग्रेस पार्टी की तरफ इशारा करते हुए मेयर व पार्षदों ने कहा कि कमिश्नर कुलवंत ¨सह कांग्रेस की कठपुतली बन कर काम कर रहे हैं। मेयर ने आरोप लगाया कि कमिश्नर कुलवंत ¨सह कांग्रेस के दबाव में भाजपा पार्षदों के साथ पक्षपात कर रहे हैं और उन्हें (मेयर को) पूछे बगैर ही अपनी मनमर्जी से हर काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं मेयर ने यह भी आरोप लगाया कि कमिश्नर निगम दफ्तर में आने के नाम पर बहानेबाजी करते हैं। गुस्साए मेयर व समूह भाजपा पार्षदों ने कहा कि कमिश्नर के खिलाफ सीएम कैप्टन अम¨रदर ¨सह और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू को शिकायत दी जाएगी। यदि फिर भी कमिश्नर अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो 7 दिन बात कमिश्नर का घेराव भाजपा द्वारा किया जाएगा। निगम कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए मेयर अनिल वासुदेवा ने कहा कि पिछले छह महीने में कमिश्नर कुलवंत ¨सह नगर निगम में अपने कार्यालय में नहीं आए हैं। इसके लिए कई बार वह खुद (मेयर) कमिश्नर को निजी तौर पर दफ्तर आने के लिए कह चुके हैं ताकि पार्षद व लोग कमिश्नर से मिल सकें। लेकिन, कमिश्नर दफ्तर आना ही वाजिब नहीं समझते हैं। कभी वह अपनी प्रमोशन की बात कहते हुए दफ्तर में हाजिरी को टाल देते हैं तो कभी बीमारी और कभी व्यस्तता का बहाना लगाते हैं। कमिश्नर को दफ्तर आने के लिए निगम की एफएंडसीसी (फाइनांस एंड कांट्रेक्ट कमेटी) के सदस्य भी कई बार कह चुके हैं। बावजूद इसके कमिश्नर को किसी की भी परवाह नहीं है। तीन-चार महीने से कभी कमिश्नर बहाना लगा रहे हैं, तो कभी सुबह 9 से 11 दफ्तर आने का झूठा आश्वासन दे रहे हैं। कमिश्नर द्वारा बस कांग्रेस के कहने पर ही हर काम किया जा रहा है। कांग्रेसी पार्षदों के वार्ड की समस्याओं का हल करवा दिया जाता है, लेकिन भाजपा के पार्षदों की कोई भी समस्या निगम कमिश्नर द्वारा नहीं सुनी जा रही और न ही उनका कोई हल निकाला जा रहा है। पूरी तरह से कांग्रेस के दबाव में आकर कमिश्नर कुलवंत ¨सह द्वारा हर काम किया जा रहा है। मेयर ने कहा कि नगर निगम में कमिश्नर का पद एक अहम पद है, लेकिन कुलवंत ¨सह द्वारा अपने इस पद का प्रयोग निष्पक्षता से नहीं किया जा रहा है। जिससे न सिर्फ निगम की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है, बल्कि लोगों की समस्याओं का भी हल नहीं हो पा रहा है। इस दौरान सीनियर डिप्टी मेयर निर्मल ¨सह, पार्षद रोहित पुरी, गोपी महाजन, शमशेर ठाकुर, विजय काटल, हरीश पाल बिटटू, राज कुमार राजू, विश्वनाथ, प्रवीण कुमार, भगवती आदि पार्षद मौजूद थे। जनता व अफसरों की पहुंच से बाहर कमिश्नर

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मेयर व भाजपा पार्षदों ने कहा कि कमिश्नर साहिब जनता ही नहीं बल्कि निगम अफसरों की पहुंच से भी बाहर हो चुके हैं। कमिश्नर को किसी समस्या की शिकायत देना लोगों के लिए मुमकिन ही नहीं है। क्योंकि कमिश्नर पिछले छह माह से लोगों को अपने दफ्तर में दिखाई ही नहीं दे रहे। किसी भी आधिकारिक कार्य के लिए कमिश्नर के यदि साइन भी करवाने हों तो निगम से अफसरों या कर्मचारियों को जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में एडीसी-कम-निगम कमिश्नर कुलवंत ¨सह के दफ्तर भेजना पड़ता है। वहां भी कई बार कर्मियों को साइन के बगैर लौटना पड़ता है। ऐसे में यदि निगम अफसरों की ही पहुंच कमिश्नर तक नहीं है तो आम लोग कमिश्नर तक कैसे पहुंचेंगे। ट्रांसफर व पो¨स्टग में मेयर से सलाह तक नहीं

कमिश्नर कुलवंत ¨सह पर लगाए जा रहे आरोपों की लिस्ट में मेयर अनिल वासुदेवा ने एक आरोप यह भी जड़ दिया कि कमिश्नर द्वारा नियमों को ताक पर रखकर ट्रांसफर एंव पो¨स्टग की जा रही है। मेयर ने कहा कि पंजाब सरकार के नियमों के मुताबिक निगम में अफसर या कर्मचारी की ट्रांसफर व पो¨स्टग करने के लिए मेयर की सहमति भी जरूरी है। लेकिन कमिश्नर द्वारा सरकार के नियम भी ताक पर रखे जा रहे हैं और किसी भी पो¨स्टग और ट्रांसफर में मेयर की सलाह तक नहीं ली जा रही। यहां तक की मेयर द्वारा किसी ब्रांच में लगाए गए अफसर को कमिश्नर अपनी मर्जी से ही बदल देते हैं।

मैं किसी के दबाव में काम नहीं कर रहा : निगम कमिश्नर

एडीसी कम निगम कमिश्नर सरदार कुलवंत ¨सह ने कहा कि मेयर साहब राजनीति के अखाड़े में उन्हें न घसीटें। वह अपनी जिम्मेवारी का पूरी तरह से निर्वाह कर रहे हैं। एडीसी ने कहा कि वह किसी के भी दबाव में काम नहीं कर रहे, बल्कि अपने दायरे में रह कर अपनी दोनों पोस्टों का काम पूरी जिम्मेवारी से निभा रहे हैं। वह एडीसी हैं और कमिश्नर का उन्हें अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। जब भी समय मिलता है वह निगम कार्यालय में आते हैं। रही बात साइन करने की तो वह अपने कार्यालय में बैठ कर भी कर देते हैं, उससे कोई समस्या नहीं है। एडीसी ने कहा कि मेयर साहब हाउस की मी¨टग नहीं बुलाते, जबकि एक्ट के मुताबिक हरेक माह हाउस की एक मी¨टग बहुत जरूरी है इस बात से वह थोड़ा खफा लगते हैं। हाउस की मी¨टग न करवाए जाने की बात को लेकर उनकी ओर से सरकार को लिखित तौर पर बता दिया गया है। इसके अलावा वह इस मसले पर ओर कुछ नहीं कहना चाहेंगे।


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