कूड़ा लि¨फ्टग पर कर्मी नहीं बोल पाएंगे झूठ, सिस्टम को ई-ट्रे¨कग एप्स से जोड़ा
व्यपार मंडल सहित शहरवासियों ने किया स्वागत- नगर निगम की कूड़ा लि¨फ्टग प्रणाली को ई-ट्रै¨कग प्रणाली से जोड़ देने की योजना को व्यापार मंडल सहित शहरवासियों ने स्वागत किया है। रेडीमेड होल सेल यूनियन के प्रधान मनमहेश बिल्ला, व्यापार मंडल प्रधान चाचा वेद प्रकाश, हमुयन राईटस पंजाब के अध्यक्ष राजा जुलका, शहरवासी असिस्टेंट इंजीनियर सोमराज, डाक्टर प्रबोध चंद्र, दुकानदार सूरज सैनी, संजू महाजन आदि ने कहा कि सारे काम में पारर्दशिता आ जाएगी। शहर से रोजाना कितना कूड़ा लिफ्ट हुआ का सारा काम आन रिकार्ड हो जाएगा। व्यापार मंडल ने निगम को बाकी कार्यो में भी पारदर्शिता लाने के लिए काम करने की अपील की।
विनोद कुमार, पठानकोट
केंद्र सरकार की ओर से इस वर्ष करवाए गए सफाई सर्वेक्षण में पिछड़ने के बाद निगम ने अगले वर्ष होने वाले सर्वेक्षण के लिए अभी से काम शुरू कर दिया है। शहर के कूड़े की लि¨फ्टग के काम को यकीनी बनाने तथा कर्मचारियों के काम में पूरी तरह से पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सभी ऑटो, हूपर व डंपर प्लेसर को जीपीएस (ग्लोबल पोजीश¨नग सिस्टम- ई ट्रे¨कग एप्स) से जोड़ दिया गया है। सफाई शाखा की ओर से शहर में कूड़ा लि¨फ्टग करने के लिए लगाए गए 9 हूपर, 10 ट्रैक्टर-ट्रालियों व 3 डंपर प्लेसर पर जीपीएस सिटस्म लगा दिया गया है। वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगने के बाद यहां काम में पूरी तरह से पारदर्शिता आएगी, वहीं कौन सा ऑटो कहां खड़ा है और कर्मचारियों ने डं¨पग प्लेस तक कितने फेरे लगाए हैं के सारे काम को अधिकारी अपने मोबाइल पर आसानी से देख सकेंगे। 22 वाहनों पर लगाया गया जीपीएस सिस्टम महंगा भी नहीं है। केवल एक लाख की लागत से सारा प्रोजेक्ट तैयार हो गया। सोमवार को सभी वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगने के बाद कर्मचारियों के काम को अधिकारियों ने अपने-अपने मोबाइल पर चेक किया और इस पर संतुष्टि जताई। इस बात की जानकारी नगर निगम सुपरिटेंडेंट सरदार इंद्रजीत ¨सह ने दी।
केंद्र सरकार की ओर से करवाए जाने वाले सफाई सर्वेक्षण में पिछले वर्ष पठानकोट प्रदेश में चौथे स्थान पर था और इस बार दसवें स्थान पर चला गया। निगम अधिकारियों का कहना है कि पहले वर्ष कर्मचारियों ने यहां क्षमता से अधिक काम किया, वहीं जीपीएस सिस्टम के मिलने वाले 350 अंकों में पिछड़ने की वजह से भी उनका स्थान नीचे चला गया। लेकिन, अगले वर्ष वह किसी भी कीमत पर पीछे नहीं रहना चाहते जिसे देखते हुए कूड़ा लि¨फ्टग को जीपीएस से जोड़ने का फैसला किया गया।
पिछले वर्ष सफाई सर्वेक्षण में पिछड़ गया था पठानकोट
वर्ष 2017 में केंद्र सरकार की ओर से दो लाख की आबादी वाले देश के 434 शहरों में सफाई सर्वेक्षण करवाया था। उसमें पठानकोट प्रदेश के चौथे और देश में 188वें स्थान पर आया था। प्रदेश में चौथे नंबर पर आने के बाद यहां निगम ने अपनी पीठ थपथपाई थी, वहीं कर्मचारियों को भी विशेष तौर पर सम्मानित किया गया था। लेकिन, इस वर्ष केंद्र सरकार की ओर से देश के 4041 शहरों में करवाए गए सफाई सर्वेक्षण में यहां पठानकोट प्रदेश में चौथे स्थान से खिसककर दसवें स्थान पर चला गया। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी वह 188वें स्थान से खिस्क कर 224वें स्थान पर चला गया। सफाई व्यवस्था में लुढ़के तो एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का काम शुरू हो गया। इसी बात को देखते हुए निगम ने कूड़ा लि¨फ्टग की प्रणाली को ई-ट्रे¨कग एप्स से जोड़ दिया है। व्यपार मंडल सहित शहरवासियों ने किया स्वागत
नगर निगम की कूड़ा लि¨फ्टग प्रणाली को ई-ट्रे¨कग प्रणाली से जोड़ने की योजना को व्यापार मंडल सहित शहरवासियों ने स्वागत किया है। रेडीमेड होलसेल यूनियन के प्रधान मनमहेश बिल्ला, व्यापार मंडल प्रधान चाचा वेद प्रकाश, ह्यूमन राइटस पंजाब के अध्यक्ष राजा जुलका, शहरवासी असिस्टेंट इंजीनियर सोमराज, डॉ. प्रबोध चंद्र, दुकानदार सूरज सैनी, संजू महाजन आदि ने कहा कि सारे काम में पारदर्शिता आ जाएगी। शहर से रोजाना कितना कूड़ा लिफ्ट हुआ का सारा काम आन रिकॉर्ड हो जाएगा। व्यापार मंडल ने निगम को बाकी कार्यो में भी पारदर्शिता लाने के लिए काम करने की अपील की।
यह होंगे फायदे : कूड़ा इकट्ठा करने के बाद उसे डेयरीवाल डं¨पग प्वाइंट पर लेकर जा रहा ऑटो, हूपर व डंपर प्लेसर चालक कहां पहुंचा है कि सारी लोकेशन मोबाइल पर ही ट्रेस हो जाएगी। दूसरा किस ऑटो, हूपर व डंपर प्लेसर चालक ने चक्कर लगाए उसका भी सारा डाटा फीड हो जाएगा। वर्तमान समय में कई चालक दो चक्कर लगाकर अपने तीन चक्कर लिखवा देता है। अधिक चक्कर लगाकर हेरफेर की संभावना भी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। सबसे बड़ी बात कौन सा ऑटो, हूपर व डंपर प्लेसर खराब है उसका आसानी से पता चल जाएगा। खराब ऑटो, हूपर व डंपर प्लेसर पर लगा जीपीएस सिस्टम रेड लाइट दिखाना शुरू कर देगा।
नगर निगम के सुपरिटेंडेंट सरदार इंद्रजीत ¨सह से बात की तो उनका कहना था कि कूड़े की लि¨फ्टग करने के काम को ई-ट्रे¨कग एप्स से जोड़ा गया है। ई-ट्रे¨कग से जोड़ने के बाद सफाई व्यवस्था के काम में पूरी तरह से पारदर्शिता आ जाएगी। कर्मचारी को अपने काम बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि उसका सारा काम आनलाइन ही चेक हो जाएगा। लि¨फ्टग के काम को उनके अलावा, इंचार्ज डॉ. एनके ¨सह, सेक्रेटरी राहुल शर्मा, कमिश्नर व मेयर भी अपने मोबाइल से देख सकते हैं। अगर कर्मचारी उन्हें गुमराह करता है तो उसे मोबाइल पर ही सारी स्थिती के बारे में अवगत करवा दिया जाएगा।